बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए 6.81 लाख करोड़ की सौगात, हुई 9.5 फीसदी की बढ़ोतरी

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Last Updated:February 01, 2025, 16:57 IST

Defence budget: 2025-26 में रक्षा क्षेत्र को दिए गए बजट पिछले साल से तुलना करने पर बढ़ोतरी साफ दिखेगी. सबसे ज्यादा बढ़ोतरी पेंशन में हुई है. इस बजट में पेशन में पिछले साल के मुकाबले 13.87 फीसदी बढ़ोतरी हुई है....और पढ़ें

बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए 6.81 लाख करोड़ की सौगात, हुई 9.5 फीसदी की बढ़ोतरी

रक्षा बजट में बढ़ोतरी

Defence budget: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट के पिटारे से अलग अलग सेक्टर के लिए लोक लुभावन एलान हुआ. रक्षा क्षेत्र के बजट में इस साल बढ़ोतरी की गई है. इस साल का रक्षा बजट 6.81 लाख करोड़ रुपये आवंटित किया गया. साल 2024-25 में यह 6.22 लाख करोड़ रुपये था. पिछले साल के मुकाबले 9.5 फीसदी की बढ़ोतरी इस साल हुई. इस बार के रक्षा बजट आवंटन में सेना के लिए नए हथियार और उपकरण की खरीद के लिए 1.8 लाख करोड़ रुपये दिए गए हैं. कुल आवंटन का 26.43 फीसदी कैपिटल खरीद में खर्च होगा. 3.11 लाख करोड रेवेन्यू खर्च यह पूरे बजट का 45 फीसदी से ज्यादा है. पेन्शन के लिए 1.6 लाख करोड़ आवंटित है यह पूरे बजट का 23.6 फीसदी है. रक्षा मंत्रालय (सिविल) के लिए 28,682 करोड रूपये आवंटित किए गए है यह पूरे बजट का 4.2 फीसदी है.

पिछले साल के रक्षा बजट का हाल
पिछले साल कुल बजट 6.2 लाख करोड़ में से सेना की ताक़त बढ़ाने के लिए नए हथियार और उपकरण की खरीद के लिए 1.72 लाख करोड़ रुपये का अनुमानित बजट दिया गया था. इसके अलावा 2.7 लाख करोड रेवेन्यू खर्च, पेन्शन के लिए 1.38 लाख करोड़, रक्षा मंत्रालय (सिविल) के लिए 22,612 करोड रूपये आवंटित किए गए थे. सीमावर्ती इलाके में सड़कों का जाल बिछाने में जुटी बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइज़ेशन को भी कैपिटल बजट में 6,500 करोड रूपये दिया गया था. रिसर्च एंड डेवलपमेंट के लिए डीआरडीओ के दिए जाने वाले बजट में 9 फीसदी बढोतरी करते हुए इसे 23 हजार करोड़ से ज्यादा की धनराशि मुहैया कराई गई थी.

ईयर ऑफ रिफॉर्म बजट से दिखने लगा
2025 की शुरुआत में ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने साफ कर दिया था कि यह साल ” ईयर ऑफ रिफॉर्म” पर फोकस होगा. इस वक्त सेना सबसे बड़े रिफॉर्म में माना जाता है इंटीग्रेटेड थिएटर कमांड के गठन को. इसके तहत सेना के नए सिरे से कमॉड बनाए जाने चर्चा जारी है. तीनों सेना के बीच तालमेल बनाना, एक दूसरे के साजोसामान का साझा इस्तेमाल हो पाएगा. थियेटर कमांड सेना के ऑपरेशन खर्चे को भी कम करेगा और हमेशा जंग के लिए एक साथ तैयार रहेगा. दो साल पहले तक बजट में तीनों सेना के अंगों के कैपिटल खर्च का अलग अलग ब्योरा दिया होता था. पिछले साल से यह ब्योरा बंद देना कर दिया गया. अब इसमें में इंटीग्रेशन दिखाई देने लागा है. रक्षा बजट में कई प्रमुख क्षेत्रों के लिए खास आवंटन किया गया है. विमान और एरो इंजन के लिए 48,614 करोड़ रुपये, नौसेना के बेड़े के लिए 24,390 करोड़, नेवल डॉकयार्ड/ प्रोजेक्ट के लिए 4500 करोड़ और स्पेशल प्रोजेक्ट के लिए 1731 करोड़ रुपये रखे गए है. हेवी और मीडियम वेहिकल के लिए 3650 करोड़ रुपये. अन्य सैन्य उपकरणों के लिए 63,099 करोड़ दिए गए हैं.

हर साल बढ़ रहा है रक्षा बजट
साल 2020 में आम बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए 3.37 लाख करोड़ रुपये की राशी आवंटित की गई थी, इसमें रक्षा खरीद के लिए कैपिटल खर्च 1.18 लाख करोड़ था. हर साल बजट में भी बढ़ोतरी हुई और कैपिटल खर्च में भी. साल 2021 रक्षा बजट 4.78 लाख करोड़ रुपये था तो उसमें कैपिटल खर्च के लिए 1.28 लाख करोड़ दिया गया था. साल 2022 रक्षा बजट बढ़ कर 5.25 लाख करोड़ रुपये हुआ तो कैपिटल खर्च 1.52 लाख करोड रुपए, साल 2023 रक्षा बजट 5.9 लाख करोड़ तो कैपिटल खर्च 1.63 लाख करोड़ रहा. भारत के दोनों पड़ोसी बड़ी तेजी से अपने रक्षा बजट को बढ़ाने में लगे है. भारत सरकार आत्म निर्भर भारत के तहत स्वदेशी कंपनियों पर फोकस कर रही है. ताकी घर का पैसा घर में ही रहे और देश की ताकत तेजी से आगे बढ़ती रहे.

First Published :

February 01, 2025, 16:57 IST

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