बजट में हो जाए ये ऐलान तो मैन्‍युफैक्‍चरिंग सेक्‍टर में आ जाएगी जान

3 hours ago 1

Last Updated:January 19, 2025, 14:18 IST

Budget 2025- वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में कारोबार सुगमता के लिए सीमा शुल्क ढांचे की वृहद समीक्षा की घोषणा की गई थी. इसमें कहा गया था कि अगले छह माह में सीमा शुल्क ढांचे की समीक्षा की जाएगी.

बजट में हो जाए ये ऐलान तो मैन्‍युफैक्‍चरिंग सेक्‍टर में आ जाएगी जान

शुल्क में कटौती से इन उद्योगों की उत्पादन लागत घटेगी.

नई दिल्‍ली. सरकार की ओर से बजट में घोषित होने वाले उपायों पर सभी की नजरें टिकी हैं. खासतौर पर वे उद्योग जो आयातित कच्चे माल पर निर्भर हैं, इस बजट से काफी उम्मीदें लगाए बैठे हैं. कर विशेषज्ञों ने सरकार को सुझाव दिया है कि सरकार को स्थानीय मैन्‍युफैक्‍चरिंग को प्रोत्साहन देने के लिए आगामी बजट में चिकित्सा उपकरण, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान और जूता-चप्पल (फुटवियर) उद्योग में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल पर सीमा शुल्क में कटौती करनी चाहिए.

विशेषज्ञों का मानना है कि कच्चे माल पर शुल्क में कटौती से इन उद्योगों की उत्पादन लागत घटेगी, जिससे घरेलू बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा. इसके अलावा, यह कदम आत्मनिर्भर भारत अभियान को भी मजबूती देगा.

ये भी पढ़ें-   बजट 2025 : हाइवे, एक्‍सप्रेसवे बनाने को बजट में इस बार मिलेंगे कम पैसे, ये हैं कारण

युक्तिसंगत बने सीमा शुल्‍क दरें
डेलॉयट इंडिया के भागीदार (अप्रत्यक्ष कर) हरप्रीत सिंह ने कहा कि एक फरवरी को संसद में पेश किए जाने वाले 2025-26 के बजट से सीमा शुल्क पक्ष की प्रमुख मांगें दरों को युक्तिसंगत बनाने, व्यवस्था को सरल करने और मुकदमेबाजी और विवाद प्रबंधन की होंगी. सिंह ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘चरणबद्ध विनिर्माण योजना की तर्ज पर हम इलेक्ट्रॉनिक्स, घरेलू उपकरणों, स्वास्थ्य सेवा उत्पादों और फार्मास्युटिकल्स में कच्चे माल में कुछ शुल्क कटौती की उम्मीद करते हैं. ये ऐसे उद्योग हैं जहां सरकार विनिर्माण के मामले में प्रोत्साहन देना चाहती है.’’

जुलाई, 2024 में पेश बजट में घोषित प्रस्तावित सीमा शुल्क युक्तिकरण पर सिंह ने कहा कि जिन क्षेत्रों में करों को तर्कसंगत किया जा सकता है उनमें स्वास्थ्य सेवा, चिकित्सा उपकरण विनिर्माण, रेफ्रिजरेटर, एसी जैसे बड़े इलेक्ट्रॉनिक सामान, इलेक्ट्रॉनिक्स, जूते और खिलौने शामिल हैं. वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में कारोबार सुगमता के लिए सीमा शुल्क ढांचे की वृहद समीक्षा की घोषणा की गई थी. इसमें कहा गया था कि अगले छह माह में सीमा शुल्क ढांचे की समीक्षा की जाएगी. इससे कारोबार करना सुगम होगा, उलट शुल्क ढांचे और विवादों को कम करने में मदद मिलेगी.

पिछले बजट में हुई थी समीक्षा की घोषणा 
वर्गीकरण विवादों को कम करने के लिए, बजट ने सीमा शुल्क दरों की समीक्षा की घोषणा की थी. वर्तमान में, एक दर्जन से अधिक सीमा शुल्क दरें हैं, और सरकार दर स्लैब की संख्या को घटाकर चार या पांच करने पर विचार कर रही है.

प्राइस वॉटरहाउस एंड कंपनी एलएलपी के प्रबंध निदेशक अनुराग सहगल ने कहा, ‘‘सरकार विभिन्न उत्पादों के लिए अलग-अलग स्लैब ला सकती है, जो इस बात पर निर्भर करता है कि वह मूल्य शृंखला में कहां स्थित है. वस्तुओं को मूल्य वर्धित/प्राथमिक और कच्चे माल/मध्यवर्ती के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है, और उसी के अनुरूप स्लैब तय किए जा सकते हैं.’’

सरल बने कर ढांचा
नांगिया एंडरसन एलएलपी के कार्यकारी निदेशक-अप्रत्यक्ष कर शिवकुमार रामजी ने कहा कि दरों की बहुलता को कम करने के लिए सीमा शुल्क ढांचे को सरल करने की मांग उठ रही है. इसके अलावा उलट शुल्क ढांचे को भी दुरुस्त करने की जरूरत है. इसके साथ ही, स्पष्टीकरण और दरों को सुसंगत कर वर्गीकरण विवादों को कम करने की जरूरत है. ग्रांट थॉर्नटन भारत के भागीदार मनोज मिश्रा ने कहा कि सीमा शुल्क विवादों में करीब 50,000 करोड़ रुपये फंसे हुए हैं और माफी योजना से विवाद निपटाने में मदद मिलेगी.

Location :

New Delhi,New Delhi,Delhi

First Published :

January 19, 2025, 14:18 IST

homebusiness

बजट में हो जाए ये ऐलान तो मैन्‍युफैक्‍चरिंग सेक्‍टर में आ जाएगी जान

*** Disclaimer: This Article is auto-aggregated by a Rss Api Program and has not been created or edited by Nandigram Times

(Note: This is an unedited and auto-generated story from Syndicated News Rss Api. News.nandigramtimes.com Staff may not have modified or edited the content body.

Please visit the Source Website that deserves the credit and responsibility for creating this content.)

Watch Live | Source Article