Last Updated:February 03, 2025, 13:58 IST
बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करना अत्यधिक फलदायी माना जाता है. इस दिन पूजा करने से न सिर्फ शिक्षा में सफलता मिलती है, बल्कि व्यक्ति की सोचने की क्षमता और बौद्धिक शक्ति में भी वृद्धि होती है. जो लोग अपन...और पढ़ें
Basant Panchami 2025: बसंत पंचमी का पर्व भारतीय संस्कृति में एक विशेष स्थान रखता है और इस दिन विशेष रूप से मां सरस्वती की पूजा का आयोजन किया जाता है. यह दिन विद्या, बुद्धि और कला की देवी मां सरस्वती की उपासना के लिए जाना जाता है. बसंत पंचमी का यह पर्व न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह विद्या और ज्ञान की प्राप्ति के लिए भी अत्यंत शुभ मना जाता है. इस दिन मां सरस्वती की आरती का महत्व विशेष रूप से बढ़ जाता है, क्योंकि इसे गाने से व्यक्ति के जीवन में ज्ञान और सफलता का मार्ग मिलता है. आइए जानते हैं भोपाल निवासी ज्योतिष आचार्य पंडित योगेश चौरे से सरस्वती पूजन की विधि.
माता की पूजा का महत्व
बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करना अत्यधिक फलदायी माना जाता है. इस दिन पूजा करने से न सिर्फ शिक्षा में सफलता मिलती है, बल्कि व्यक्ति की सोचने की क्षमता और बौद्धिक शक्ति में भी वृद्धि होती है. जो लोग अपने जीवन में कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं, उन्हें इस दिन माता सरस्वती की पूजा से मानसिक शांति और समाधान प्राप्त होता है.
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पूजा विधि
सरस्वती पूजा में सबसे पहले पूजा स्थल को शुद्ध किया जाता है. फिर मां सरस्वती की प्रतिमा या चित्र को अच्छे स्थान पर रखा जाता है. उसके बाद वहां दीप, अगरबत्ती और फूल अर्पित किए जाते हैं. इसके बाद मां की आरती का पाठ किया जाता है. आरती के दौरान मां सरस्वती से समृद्धि, ज्ञान और कला में प्रगति की कामना की जाती है.
आरती के साथ प्राप्त आशीर्वाद
जब आप बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की आरती का पाठ करते हैं, तो यह न सिर्फ आपके ज्ञान के दरवाजे खोलता है, बल्कि आपके जीवन में समृद्धि और सफलता भी लाता है. पूजा और आरती के साथ मां सरस्वती से आशीर्वाद प्राप्त कर, आप अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं.
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सरस्वती माता की आरती
जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता .
सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता ॥
जय जय सरस्वती माता…॥
चन्द्रवदनि पद्मासिनि, द्युति मंगलकारी .
सोहे शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी ॥
जय जय सरस्वती माता…॥
बाएं कर में वीणा, दाएं कर माला .
शीश मुकुट मणि सोहे, गल मोतियन माला ॥
जय जय सरस्वती माता…॥
देवी शरण जो आए, उनका उद्धार किया .
पैठी मंथरा दासी, रावण संहार किया ॥
जय जय सरस्वती माता…॥
विद्या ज्ञान प्रदायिनि, ज्ञान प्रकाश भरो .
मोह अज्ञान और तिमिर का, जग से नाश करो ॥
जय जय सरस्वती माता…॥
धूप दीप फल मेवा, माँ स्वीकार करो .
ज्ञानचक्षु दे माता, जग निस्तार करो ॥
॥ जय सरस्वती माता…॥
माँ सरस्वती की आरती, जो कोई जन गावे .
हितकारी सुखकारी, ज्ञान भक्ति पावे ॥
जय जय सरस्वती माता…॥
जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता .
सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता ॥
First Published :
February 03, 2025, 13:58 IST