Agency:News18 Rajasthan
Last Updated:February 02, 2025, 15:19 IST
Basant Pancham: जगदीश मंदिर के पुजारी गजेंद्र पुजारी के अनुसार, मेवाड़ में यह परंपरा वृंदावन की तर्ज पर वर्षों से चली आ रही है. बसंत पंचमी के दिन भगवान को पीले वस्त्रों से सजाया जाता है. सरसों के फूलों से विशेष...और पढ़ें
फाग उत्सव
फाल्गुन मास की बसंत पंचमी के साथ ही मेवाड़ के मंदिरों में फाग उत्सव की धूमधाम से शुरुआत हो गई है.उदयपुर के प्रसिद्ध जगदीश मंदिर में भी इस उत्सव का शुभारंभ हुआ, जो रंग पंचमी तक चलेगा.एक माह तक चलने वाले इस पर्व के दौरान मंदिर में विशेष आयोजन किए जाएंगे. जिसमें श्रद्धालुओं और पर्यटकों का भारी उत्साह देखने को मिल रहा है.
जगदीश मंदिर के पुजारी गजेंद्र पुजारी के अनुसार, मेवाड़ में यह परंपरा वृंदावन की तर्ज पर वर्षों से चली आ रही है. बसंत पंचमी के दिन भगवान को पीले वस्त्रों से सजाया जाता है. सरसों के फूलों से विशेष श्रृंगार किया जाता है.भगवान को भोग अर्पित करने के बाद गुलाल अर्पित किया जाता है. जिसमें भक्तजन रंगों के साथ झूमते हुए भगवान के भजनों का आनंद लेते हैं.
गुलाल के रंगों में रंगे भक्त
फाग उत्सव के दौरान प्रतिदिन भगवान को राजभोग के बाद गुलाल खिलाने की परंपरा निभाई जाती है.इस दौरान भक्त कबीर, मीरा और राधा-कृष्ण के भजनों पर झूमते नजर आते हैं.रंगों के इस पावन पर्व में भक्त अपनी श्रद्धा के रंग भगवान के चरणों में अर्पित करते हैं.इस अनूठे आयोजन में स्थानीय निवासियों के साथ-साथ बड़ी संख्या में देश-विदेश से आए पर्यटक भी हिस्सा लेते हैं.
एकादशी और पूर्णिमा पर विशेष भीड़
फाल्गुन मास के इस उत्सव के दौरान एकादशी और पूर्णिमा के दिन मंदिर में भक्तों की विशेष भीड़ उमड़ती है.इन खास अवसरों पर मंदिर परिसर में विशेष सजावट की जाती है और भगवान के साथ भक्त होली खेलते हैं.इस दृश्य को देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचते हैं और भक्ति रस में डूबकर आनंदित होते हैं. फाग उत्सव के रंगों में डूबा मेवाड़ न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक बनता है, बल्कि इसकी सांस्कृतिक विरासत को भी जीवंत करता है.यह पर्व प्रेम, भाईचारे और उल्लास का संदेश फैलाता है, जो मेवाड़ की परंपराओं और संस्कृति की सुंदर झलक प्रस्तुत करता है.
Location :
Udaipur,Rajasthan
First Published :
February 02, 2025, 15:19 IST