न्यूयॉर्क/वाशिंगटन: रूस-यूक्रेन युद्ध को अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन ने जनवरी में विदाई लेने से पहले तीसरे विश्वयुद्ध के मोड़ तक पहुंचा दिया है। बाइडेन का कार्यकाल अब महज 50 दिन शेष रह गया है। मगर इस दौरान उन्होंने यूक्रेन को रूस के अंदर तक विदेशी हथियारों और मिसाइलों से हमले की इजाजत दे दी। यूक्रेन ने जब अमेरिकी और ब्रिटिश हथियारों से रूस के अंदर तक हमला शुरू किया तो इससे क्रेमलिन में बौखलाहट मच गई। लिहाजा रूस ने आईसीबीएम मिसाइल से तगड़ा पलटवार कर दुनिया को संदेश दिया कि अब भी यूक्रेन नहीं माना तो वह न्यूक्लियर अटैक भी करने को तैयार है। कई बार पुतिन ने दोबारा परमाणु हमले की धमकी दी। इससे दुनिया पर तीसरे विश्व युद्ध का खतरा मंडराने लगा है, लेकिन अब भी अमेरिका यूक्रेन को गुमराह करने में जुटा है।
रूस की ओर से परमाणु हमले की धमकी मिलने के बाद जेलेंस्की भी थोड़ा नरम पड़ने लगे थे, लेकिन इस बीच अमेरिकी ने फिर उसे उकसा दिया है। जो बाइडेन के प्रशासन का दावा है कि पुतिन भले ही परमाणु हमले की धमकी दे रहे हैं, लेकिन वह इसके बावजूद न्यूक्लियर अटैक नहीं करेंगे। इसलिए यूक्रेन को रूस के अंदर तक विदेशी हथियारों से हमला जारी रखना चाहिए। जाहिर है कि अमेरिकी सीधे-सीधे युद्ध और यूक्रेन को भड़का रहा है।
अमेरिका का क्या है कहना?
अमेरिका का कहना है कि उसे सूत्रों के हवाले से पता चला है कि पुतिन धमकियों के बावजूद यूक्रेन पर परमाणु हमला नहीं करने वाले हैं। यह दावा अमेरिकी खुफिया एजेंसी की ओर से 5 खुफिया सूत्रों के हवाले से किया गया है। ऐसे में अमेरिका का यह बयान यूक्रेन को रूस पर हमले करते रहने के लिए उकसा भी रहा है। अमेरिका ने कीव के लिए अपना समर्थन दोहराते हुए उसे रूस के परमाणु हमले से बेखौफ करने का प्रयास किया है। साथ ही कहा है कि रूस यूक्रेन को सिर्फ यूरोप में अलग-थलग करने का प्रयास कर सकता है।
यूक्रेन हमले के पलटवार में परमाणु युद्ध की आशंका नहीं
अमेरिका ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को आश्वस्त करने के अंदाज में कहा है कि उसके द्वारा विदेशी हथियारों पर लगे प्रतिबंधों में यूक्रेन को ढील देने के बावजूद रूस द्वारा परमाणु हमले की आशंका नहीं है। अमेरिका ने दावा करते हुए कहा कि उसने यह आकलन पिछले 7 महीनों में खुफिया रिपोर्ट के बाद किया है। बता दें कि रूस ने पिछले हफ्ते एक नई बैलिस्टिक मिसाइल का प्रक्षेपण किया है, जिसके बारे में विश्लेषकों का कहना है कि इसका उद्देश्य वाशिंगटन और उसके यूरोपीय सहयोगियों के लिए एक चेतावनी के रूप में है कि वह यूक्रेन पर परमाणु हमला कर सकता है। मगर अमेरिका ने इस आशंका को खारिज कर दिया है। पांच अमेरिकी अधिकारियों में से एक ने कहा कि वाशिंगटन ने आकलन किया है कि रूस अपने परमाणु बलों के साथ आगे बढ़ने की कोशिश नहीं करेगा, बल्कि अमेरिका के साथ संतुलन बनाने का प्रयास करेगा।
यूक्रेन को बाइडेन द्वारा रूस में विदेश हथियारों से हमला करने की इजाजत देने के बाद ह्वाइट हाउस में इस बात की बहस छिड़ गई है कि उनका यह प्रयास पुतिन को उकसाना है या नहीं? अमेरिकी
अधिकारियों ने शुरू में बढ़ती चिंताओं और पुतिन की प्रतिक्रिया पर अनिश्चितता का हवाला देते हुए इस तरह के कदम का विरोध किया था। क्योंकि व्हाइट हाउस, पेंटागन और विदेश विभाग सहित उनमें से कुछ अधिकारियों ने अमेरिकी सैन्य और राजनयिक कर्मियों पर घातक प्रतिशोध और नाटो सहयोगियों पर हमलों की आशंका जताई थी। (रायटर्स)