देहरादून. कश्मीर में धारा 370 के अंतर्गत गौहत्या कानून वाले बयान को लेकर ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती और योग गुरु बाबा रामदेव के बीच विवाद शुरू हो गया है. बीती 12 नवंबर को ज्योतिर्मठ बदरिकाश्रम हिमालय की तरफ से एक पत्र जारी हुआ था, जिसमें शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने केंद्र सरकार से गोहत्या को दंडनीय अपराध बनाने वाले कानून को जम्मू कश्मीर में बहाल करने के लिए निवेदन किया था. इसमें उन्होंने उल्लेख किया था कि अनुच्छेद 370 की वापसी के चलते तत्समय प्रवृत्त रणबीर दंड संहिता वि.सं. 1989 निष्क्रिय हो गई और इसकी धारा 298 (क) में गोहत्या करने पर जुर्माने के साथ 10 साल तक की जेल की सजा थी.
शंकराचार्य ने कहा था कि अब चूंकि वहां पर रणबीर दंड संहिता के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता 2023 लागू हो गई है, जिसमें रणबीर दंड संहिता की धारा 298 (क) जैसा गोवध को दंडनीय बनाने वाला कोई प्रावधान नहीं रहा, जिसके कारण गोमाता और हिंदू आस्था पर चोट पहुंचाने पर दंडित करने वाला विधान भी खत्म हो गया है, जोकि किसी भी हिंदू को स्वीकार्य नहीं हो सकता है.
बाबा रामदेव ने जारी किया था वीडियो
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए बाबा रामदेव ने अपने एक्स अकाउंट पर 12 नवंबर को एक वीडियो जारी करते हुए कहा था कि सनातन धर्म में शंकराचार्य जी की बड़ी प्रतिष्ठा है और कथित शंकराचार्य ने जो बयान दिया कि हम धारा 370 वापस लेकर आएंगे, यह सोचकर रूह कांप उठती है. इससे बड़ा पाप, अधर्म, राष्ट्रघात और राष्ट्रद्रोह कोई नहीं हो सकता है. लिहाजा शंकराचार्य के ऊपर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा होना चाहिए और धर्म से बहिष्कार कर देना चाहिए. वह शंकराचार्य की गद्दी के ऊपर कलंक हैं और उनके नाम के आगे शंकराचार्य लगाना भी शर्मिंदगी की बात है.
बाबा रामदेव को भेजेंगे नोटिस
मीडिया से बातचीत में शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने बाबा रामदेव के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि वह सनातन धर्म के धर्माधिकारी हैं. यह बात उन्हें नहीं भूलनी चाहिए कि जो व्यक्ति अपने सर्वोच्च धर्माचार्य के ऊपर यह कहे कि इन्हें हिंदू धर्म से बहिष्कृत करवाएंगे, तो उस व्यक्ति को हिंदू धर्म में रहने का अधिकार है या नहीं इस बारे में विचार नहीं होना चाहिए. देहरादून में आयोजित धर्म सभा में शंकराचार्य ने बाबा रामदेव को जवाब देते हुए नोटिस भेजने की भी बात कही है.
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FIRST PUBLISHED :
November 19, 2024, 22:39 IST