बिहार के किसान आधुनिक तरीके से कर रहे कद्दू की खेती, प्रतिदिन हो रही इतनी कमाई

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यह सुनने में अजीब लग सकता है, लेकिन स्थानीय मान्यताओं के अनुसार इस पेड़ पर उगने वाले फल का स्वाद बिल्कुल खिचड़ी जैसा होता है और देखने में यह चावल की तरह होता है.

सीता कुंड धाम भगवान राम और माता सीता से जुड़ी पौराणिक घटनाओं का केंद्र है. लोककथाओं के अनुसार, जब भगवान राम की बारात अयोध्या से वापस लौट रही थी, तो तीसरे दिन यह बारात सीता कुंड धाम में रूकी थी.

यहीं पर माता सीता ने स्नान किया और शिवलिंग की स्थापना की, जिसे अब गिरजानाथ महादेव के नाम से जाना जाता है. इसके बाद माता सीता ने अपनी विदाई की रस्म भी इसी स्थल पर पूरी की थी.

जितना यह सुनना अजीब है कि खिचड़ी का पेड़ होता है, इस पेड़ के उत्पत्ति की कहानी भी उतनी ही दिलचस्प है. स्थानीय लोगों का मानना है कि जब भगवान राम की बारात के लोग यहां रूके थे, तब उन्होंने खिचड़ी खाई थी.

उस भोजन का जो जूठन बचा और धरती पर गिरा, उसी से इस पेड़ का जन्म हुआ. इसमें आने वाला फल चावल जैसा दिखता है और स्वाद बिल्कुल खिचड़ी जैसा है. इसलिए इसे स्थानीय लोग खिचड़ी का पेड़ कहते हैं और इसे आस्था और चमत्कार का प्रतीक मानते हैं.

Tags: Agriculture, Bihar News, Local18

FIRST PUBLISHED :

October 1, 2024, 14:34 IST

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