बुरहानपुर का 400 साल पुराना बालाजी मंदिर! जानिए यहां की रथ यात्रा और उत्सव का महत्व
बालाजी महाराज
मोहन ढाकले/बुरहानपुर: मध्य प्रदेश को एक ऐतिहासिक शहर कहा जाता है और बुरहानपुर जिला भी एक ऐतिहासिक नगरी के रूप में जाना जाता है. यहां पर आज भी राजा महाराजा के जमाने के मंदिर मौजूद हैं और उनकी अपनी-अपनी मान्यता है. भगवान बालाजी महाराज का 400 साल पुराना मंदिर है. बुरहानपुर जिले में बालाजी महाराज का 15 दिवसीय उत्सव भी मनाया जाता है. इस उत्सव की अपनी परंपरा है. जिसको लेकर तैयारी भी शुरू हो गई है. 3 अक्टूबर से 15 दिवसीय उत्सव की शुरुआत होगी. भगवान बालाजी महाराज रथ में सवार होकर भक्तों को दर्शन देने के लिए निकलेंगे. जिसको लेकर मंदिर समिति ने भी तैयारी शुरू कर दी है.
मंदिर के पुजारी ने दी जानकारी
लोकल 18 की टीम को मंदिर के पुजारी मोहन बालाजी वाले और आशीष भगत ने जानकारी देते हुए बताया कि यह प्रतिमा तिरुपति बालाजी महाराज मंदिर से लाई गई है. यह हमारे सातवें पीढ़ी के पहले वंशज के द्वारा लाई गई थी. तब से हम सेवा कर रहे हैं. यह प्रतिमा पंच धातु से बनी हुई है. यदि ऊंचाई की बात करें तो इस प्रतिमा की ऊंचाई करीब ढाई फीट की है. 400 साल पुराना मंदिर है और 400 वर्षों से यह मेला भी लगता आ रहा है. भगवान बालाजी महाराज रथ पर सवार होकर भक्तों को दर्शन देने के लिए निकलते हैं. जय गोविंद जय बालाजी के जयकारों से शहर गूंज उठता है.
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तीन दिन नदी पर होते हैं विराजमान
मंदिर के पुजारी चंदू बालाजी वाले ने जानकारी देते हुए बताया कि भगवान बालाजी महाराज तीन दिन तक ताप्ती नदी के सतियारा घाट पर विराजमान होते हैं. भक्त यहां पर दर्शन पूजन करने के लिए आते हैं. जैसे ही भगवान बालाजी महाराज नदी में स्नान करते हैं वैसे ही ठंड अपना रूप दिखाना शुरू कर देती है. और रथ को खींचने की भी अपनी एक परंपरा है. जो लोग अपने बच्चों के लिए मन्नत मांगते हैं वह इस रथ को धकेलते हैं.
FIRST PUBLISHED :
October 2, 2024, 11:44 IST