Last Updated:February 08, 2025, 15:22 IST
what is mean humor sweetener according to age: भारत में डायबिटीज के मरीजों की संख्या सबसे अधिक है. सही जीवनशैली और खानपान से आप डायबिटीज से बचे रह सकते हैं. कई बार लोग ब्लड शुगर लेवल की जांच रेगुलर नहीं कराते और ...और पढ़ें
हाइलाइट्स
- भारत में डायबिटीज के मरीजों की संख्या सबसे अधिक है.
- सही जीवनशैली और खानपान से डायबिटीज से बचा जा सकता है.
- रेगुलर ब्लड शुगर की जांच और एक्सरसाइज जरूरी है.
भारत में डायबिटीज से पीड़ित लोगों की संख्या दुनिया भर में सबसे अधिक है और लगातार ये आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है. डायबिटीज एक कभी ना खत्म होने वाली बीमारी है, जिसे आप सिर्फ कंट्रोल में रख सकते हैं, वह भी सही जीवनशैली अपनाकर. अपने शुगर लेवल को मैनेज करके आप डायबिटीज को अधिक बिगड़ने से रोक सकते हैं. डायबिटीज को मैनज करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है अपने ब्लड में ग्लूकोज लेवल को कंट्रोल में बनाए रखना. यदि ऐसा ना किया जाए तो इसका नेगेटिव असर दूसरे अंगों पर भी पड़ सकता है. यदि आप नहीं चाहते हैं कि आपको डायबिटीज हो तो आप अपने खानपान पर खासकर ध्यान दें. रेगुलर एक्सरसाइज करें. साथ ही अपने ब्लड शुगर लेवल की रेगुलर जांच कराते रहें.
डायबिटीज क्या है?
डायबिटीज यानी मधुमेह एक ऐसा रोग है, जिसमें ब्लड में शुगर का लेवल बढ़ जाता है. यह एक मेटाबॉलिक डिसऑर्डर है, जो किसी भी उम्र के लोगों में कभी भी हो सकती है. एक बार आप मधुमेह की चपेट में आ गए तो फिर इससे कभी भी बाहर नहीं निकल सकते हैं. इसे बस आप कंट्रोल में रख सकते हैं.
डायबिटीज का मुख्य कारण
जब शरीर में इंसुलिन सही से नहीं बन पाता है तो डायबिटीज की बीमारी होती है.
साथ ही जब आपकी बॉडी इस इंसुलिन का यूज सही से नहीं कर पाती है.
अनहेल्दी खानपान, शारीरिक रूप से एक्टिव न रहना, एक्सरसाइज बिल्कुल न करना.
डायबिटीज होने का मुख्य कारण मोटापा भी है.
इन सभी कारणों से आप टाइप 1, टाइप 2 डायबिटीज, प्री-डायबिटीज, प्रेग्नेंसी में होने वाली डायबिटीज से ग्रस्त हो सकते हैं.
डायबिटीज के लक्षण
डायबिटीज होने पर आपको बार-बार पेशाब आ सकता है. प्यास अधिक लगती है. भूख अधिक लगती है. थकान महसूस होगी. आंखों से धुंधला दिखाई दे सकता है. जब भी आपको शरीर पर कोई घाव, चोट, सर्जरी होगी तो वह जल्दी ठीक नहीं होगा. आपको पैरों और हाथों में झुनझुनी महसूस हो सकती है. आपका वजन भी कम हो सकता है. कंफ्यूजन की स्थिति बने रहना आदि. ऐसे लक्षण महसूस हों तो एक बार ब्लड शुगर लेवल का टेस्ट करा लें.
कितना होना चाहिए उम्र के अनुसार ब्लड शुगर लेवल
फोर्टिस हीरानंदानी हॉस्पिटल, वाशी, मुंबई की सीनियर कंसल्टेंट फिजिशियन, डायरेक्टर इंटरनल मेडिसिन डॉ. फराह इंगले कहती हैं कि यदि आप डायबिटीज को कंट्रोल में नहीं रखेंगे तो आपको किडनी, हार्ट डिजीज, फेफड़ों से संबंधित कुछ ना कुछ समस्याएं हो सकती हैं. ऐसे में इस लाइलाज रोग से बचना है तो अपने जीवनशैली, खानपान, फिजिकल एक्टिविटीज पर ध्यान तो दे हीं, साथ ही ये भी जांच कराते रहें कि आप शुगर लेवल क्या है. ब्लड शुगर लेवल की चांज दो तरीके से कराई जाती है, एक खाने के बाद (पोस्ट मील) और एक बिना खाए यानी फास्टिंग. शरीर में ब्लड शुगर के स्तर में बिना खाए और खाने के बाद काफी अंतर होता है.
उम्र के अनुसार नॉर्मल ब्लड शुगर लेवल क्या हो?
-5 वर्ष की उम्र तक के बच्चे का शुगर लेवल 80 से लेकर 100 के बीच में हो.
-जबकि 6 से 12 वर्ष के बच्चों में रक्त शर्करा का स्तर 90 से लेकर 110 की बीच में होना जरूरी है.
-बात करें टीन एजर बच्चों की तो 13 से लेकर 19 वर्ष के किशोरों में भी 90 से लेकर 105 ब्लड शुगर लेवल हो.
-वयस्क जिनकी उम्र 20 से 59 वर्ष के बीच हो, उनमें ब्लड शुगर का लेवल 80 से 110 होना परफेक्ट है.
-इससे ऊपर के लोगों में रक्त में शुगर का स्तर 90 से 120 होना चाहिए.
ये चार्ट सभी लोगों के लिए है. हालांकि, यदि डायबिटीज का मरीज वृद्ध है या उसे अन्य गंभीर बीमारियां हैं या फिर किडनी से संबंधित समस्याएं हैं तो ब्लड शुगर लेवल हाई भी हो सकता है.
पोस्ट मील शुगर लेवल- 120-140 एमजी/डीएल के बीच हो तो नॉर्मल है. 200 या 300 एमजी/डीएल होना खतरे की घंटी है.
फास्टिंग शुगर लेवल- 60-100 एमजी/डीएल हो तो नॉर्मल कहलाता है.
यदि आपका फास्टिंग शुगर लेवल 125 एमजी/डीएल से अधिक आए और खाना खाने के बाद रक्त में शुगर का स्तर 160 एमजी/डीएल से अधिक आए तो आप अलर्ट हो जाएं, क्योंकि इस स्थिति में आपको डायबिटीज होने की संभावना पूरी है. बेहतर है कि इसे कंट्रोल में करने के लिए जीवनशैली, खानपान की आदत फौरन बदलें और एक्सरसाइज करना शुरू कर दें. आपको डायबिटीज है या नहीं इसे कंफर्म करने के लिए एचबीए1सी (HbA1C) का टेस्ट कराएं.
First Published :
February 08, 2025, 15:22 IST