Last Updated:January 19, 2025, 17:05 IST
India Growth Rate: इंडस्ट्री बॉडी कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री यानी सीआईआई (CII) के सर्वे के मुताबिक, वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की विकास दर बढ़कर 7.0 फीसदी होने की संभावना है.
नई दिल्ली. बिजनेस चैंबर सीआईआई (CII) द्वारा रविवार को जारी एक सर्वे के अनुसार, प्राइवेट इन्वेस्टमेंट और रोजगार में बढ़ोतरी से चालू वित्त वर्ष के दौरान भारत की ओवरऑल विकास दर 6.4-6.7 फीसदी के आसपास स्थिर रहने की उम्मीद है. इसके अलावा, वित्त वर्ष 2026 में भारत की विकास दर बढ़कर 7.0 फीसदी होने की संभावना है.
सर्वे में कहा गया है कि भारत जियो-पॉलिटिकल चुनौतियों के बीच एक ‘ब्राइट स्पॉट’ के रूप में उभरा है. रिपोर्ट में बताया गया है कि सरकार द्वारा शुरू की गई आर्थिक नीतियों ने अर्थव्यवस्था को दोबारा जागृत करने में मदद की है. सरकार पब्लिक-कैपेक्स आधारित विकास पर जोर दे रही है, जो कि देश के आर्थिक विकास में मददगार बन रहा है.
पिछले 30 दिनों में किए गए ऑल इंडिया सीआईआई सर्वे ने सुझाव दिया कि 75 फीसदी प्रतिभागियों का मानना है कि वर्तमान आर्थिक माहौल निजी निवेश के लिए अनुकूल है. सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, “सर्वे में शामिल 70 फीसदी फर्मों ने कहा कि वे वित्त वर्ष 2026 में निवेश करेंगी, इसलिए अगली कुछ तिमाहियों में निजी निवेश में बढ़ोतरी हो सकती है.”
आर्थिक विकास के साथ-साथ रोजगार सृजन भी हाल की नीतिगत चर्चाओं में केंद्र में रहा है. 2047 तक विकसित भारत का विजन अच्छी गुणवत्ता वाली नौकरियों के सृजन की अनिवार्यता पर अच्छा प्रदर्शन करने पर टिका है. सर्वे के शुरुआती नतीजों से पता चलता है कि लगभग 97 फीसदी सैंपल फर्मों द्वारा 2024-25 और 2025-26 दोनों में रोजगार बढ़ाने की संभावना है. वास्तव में प्रतिभागियों की 79 फीसदी फर्मों ने कहा कि उन्होंने पिछले 3 सालों में ज्यादा लोगों को जोड़ा है.
वित्त वर्ष 2025 और वित्त वर्ष 2026 में अपेक्षित रोजगार सृजन की सीमा पर पूछे गए प्रश्न के उत्तर में, लगभग 97 फीसदी फर्मों ने संकेत दिया कि रोजगार में वृद्धि होने की उम्मीद है, जिसमें 42 फीसदी से 46 फीसदी फर्मों ने मौजूदा वर्कफोर्स के अलावा रोजगार में 10 से 20 प्रतिशत की वृद्धि का संकेत दिया है और उनमें से लगभग 31 फीसदी से 36 फीसदी ने 10 फीसदी तक रोजगार में अपेक्षित बढ़ोतरी का संकेत दिया है.
सर्वे में शामिल अधिकांश फर्मों ने संकेत दिया कि सीनियर मैनेजमेंट, मैनेजमेंट, सुपरवाइजरी लेवल पर रिक्तियों को भरने में 1 से 6 महीने के बीच का समय लगता है, जबकि रेगुलर और कांट्रेक्चुअल वर्कर्स के रिक्त पदों को भरने में कम समय लगता है. सर्वे में शामिल सैंपल फर्मों के एक बड़े अनुपात (40 फीसदी से 45 फीसदी) ने सीनियर मैनेजमेंट, मैनेजमेंट, सुपरवाइजरी लेवल और रेगुलर वर्कर्स के लिए औसत वेतन में वृद्धि देखी, जो वित्त वर्ष 2025 में 10 प्रतिशत से 20 प्रतिशत की सीमा में थी। वित्त वर्ष 24 में भी यही ट्रेंड रहा. सीआईआई सर्वे सभी इंडस्ट्री आकारों (बड़े, मध्यम और छोटे) में फैली 300 फर्मों के सैंपल पर आधारित था.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
January 19, 2025, 17:05 IST