हजारों साल पहले पॉपकॉर्न से होती थी सजावट, मंदी का दौर आते ही पलटी इनकी किस्मत

3 hours ago 1

Last Updated:January 19, 2025, 19:18 IST

Explainer- पॉपकॉर्न किसी भी समय पर खाएं जा सकते हैं. कैलोरीज कम होने की वजह से यह सबसे बेस्ट स्नैक्स हैं. इससे वजन भी नहीं बढ़ता. पॉपकॉर्न मक्के के दानों को भूनकर बनते हैं जिसे हर कोई खाना पसंद करता है. मूवी भी बिना पॉपकॉर्न...और पढ़ें

हजारों साल पहले पॉपकॉर्न से होती थी सजावट, मंदी का दौर आते ही पलटी इनकी किस्मत

पॉपकॉर्न फूटते समय 3 फुट तक हवा में उछल सकते हैं (Image-Canva)

दुनिया के हर कोने में पॉपकॉर्न बहुत पॉपुलर हैं. इसमें कई फ्लेवर भी आते हैं जैसे बटर पॉपकॉर्न, सॉल्टेड पॉपकॉर्न, चॉकलेट पॉपकॉर्न, कैरेमल पॉपकॉर्न. इन्हें जितना खा लो, उतना कम लगता है. टेस्टी होने के साथ ही यह हेल्दी भी होते हैं. एक जमाना था जब इन्हें रेत में भूना जाता था लेकिन अब यह मशीन और माइक्रोवेव में बनने लगे हैं. पॉपकॉर्न ने सिनेमाहॉल को हमेशा फायदा पहुंचाया है. 19 जनवरी का दिन National Popcorn Day के तौर पर बनाया जाता है. इस मौके पर जानते हैं इसकी कहानी.

अमेरिका से शुरू हुआ सफर
10 हजार साल पहले मेक्सिको में मक्का उगने लगा था और पॉपकॉर्न की कहानी 5 हजार साल पहले शुरू हुई. आर्कियोलॉजिस्ट को इसके होने के सबूत दक्षिण अमेरिका के पेरू में मिले. वहीं, ब्रिटेनिका के अनुसार पॉपकॉर्न का जन्म मैक्सिकन टेओसिन्टे नाम की जंगली घास से हुआ जो भूनने पर फूट कर पॉपकॉर्न की तरह खिल जाती थी.

पॉपकॉर्न से बनती थी ज्वेलरी
हजारों साल पहले पॉपकॉर्न को सजावट के लिए इस्तेमाल किया जाता था. इससे भगवान का मुकुट बनाया जाता था. 1 हजार साल पहले इनसे उटाह की गुफाएं भी सजाई गईं. पॉपकॉर्न को कई समारोह में भी इस्तेमाल किया जाता था. मैक्सिको में महिलाएं पॉपकॉर्न की माला सिर पर पहनकर पॉपकॉर्न डांस करती थीं. इससे हार और ईयररिंग भी बनाए जाते थे. अमेरिका में कुछ लोगों का मानना था कि मक्के में आत्मा रहती हैं. जब इन्हें भूना जाता है और यह फटते हैं तो आत्माएं गुस्सा होकर उसमें से बाहर निकल जाती हैं. 

दुनिया का सबसे बड़ा पॉपकॉर्न बॉल अमेरिका के सैक सिटी में बना. यह 24 फुट लंबा था (Image-Canva)

ग्रेट डिप्रेशन में चमकी किस्मत
1929 से 1939 का दौर पूरी दुनिया के लिए बहुत खराब समय था क्योंकि अर्थव्यवस्था डगमगा गई थी. इसे ग्रेट डिप्रेशन कहा जाता है. इस समय में पॉपकॉर्न की किस्मत बदल गई. पहले लोग इसे ज्यादा खाना पसंद नहीं करते थे लेकिन सस्ते होने की वजह से यह इस दौर में पॉपुलर होने लगे. जब हर बिजनेस फेल हो रहा था और घाटे में डूब रहा था, वहीं पॉपकॉर्न का बिजनेस मुनाफा कमा रहा था. दूसरे विश्व युद्ध के दौरान इसकी डिमांड इतनी बढ़ गई कि लोग दिन में 3 बार पॉपकॉर्न खरीदकर खा लेते थे.   

1938 में मूवी थिएटर से जुड़े
आज किसी भी सिनेमाहॉल में मूवी देखने चले जाओ तो वहां पॉपकॉर्न की महक जरूर आती है. हर किसी के हाथ में पॉपकॉर्न होते हैं और वह मूवी को इन्हें खाते हुए एंजॉय कर रहा होता है. मूवी थिएटर से पॉपकॉर्न 1938 में जुड़े. अमेरिका के डिकिंसन थिएटर के मालिक ग्लेन डब्ल्यू डिकिंसन ने मिडवेस्टर्न थिएटर की लॉबी में पॉपकॉर्न की मशीन लगाई. मूवी की टिकट के मुकाबले पॉपकॉर्न से ज्यादा फायदा होने लगा क्योंकि इसकी बिक्री खूब होने लगी. पॉपकॉर्न की ब्रिकी देख डिकिंसन ने मक्के का खेत ही खरीद लिया था. इससे पहले पॉपकॉर्न को फिल्म से ध्यान भटकाने का कारण समझा जाता था. हालांकि एक ऐसा भी वक्त आया जब मूवी थिएटर से इसे बैन कर दिया गया. 1949 में शिकागो मूवी थिएटर ने इस पर अस्थाई बैन लगा दिया था क्योंकि यह खाते वक्त बहुत आवाज करते हैं.

कभी नाश्ते में भी खाए जाते थे पॉपकॉर्न
1800 में अमेरिका के लोग नाश्ते में पॉपकॉर्न ही खाते थे. इसे वह दूध और चीनी के साथ मिलाकर खाते थे. अमेरिका में यह इतने मशहूर हैं कि वहां के 6 शहर खुद को ‘पॉपकॉर्न कैपिटल ऑफ द वर्ल्ड’ बताते हैं. लेकिन यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर के अनुसार नेब्रास्का, टैक्सेस और इंडियाना में सबसे ज्यादा पॉपकॉर्न बनते हैं और खाए जाते हैं.  

पॉपकॉर्न की अजब-गजब शेप
पॉपकॉर्न इंडस्ट्री में जब मक्के के दाने फूटते हैं तो उसे फ्लैक कहते हैं जो दो तरह की होते हैं. बटरफ्लाई फ्लैक के कई विंग्स होते हैं और यह अनियमित आकार के होते हैं. मशरूम फ्लैक्स मोटे बॉल शेप के पॉपकॉर्न होते हैं. लेकिन लोगों को बटरफ्लाई फ्लैक पॉपकॉर्न ज्यादा रिझाते हैं और उन्हें देखकर लोगों के मुंह में पानी आ जाता है. मशरूम फ्लैक पॉपकॉर्न ज्यादातर कैरेमल पॉपकॉर्न बनाने के लिए इस्तेमाल होते हैं.  

दुनिया में सबसे ज्यादा पॉपकॉर्न अमेरिका में खाए जाते हैं (Image-Canva)

सेहत के लिए फायदेमंद
डायटीशियन सतनाम कौर कहती हैं कि पॉपकॉर्न ग्लूटेन फ्री स्नैक्स हैं. जिन लोगों को ग्लूटेन से एलर्जी है, वह बेफिक्र होकर इसे खा सकते हैं. कम कैलोरी और कम फैट होने की वजह से इन्हें हेल्दी माना जाता है. पॉपकॉर्न खाने से वजन कम होता है. इससे ब्लड शुगर भी नहीं बढ़ती इसलिए इसे डायबिटीज के मरीज टेंशन फ्री होकर खा सकते हैं. इससे पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है, हड्डियां मजबूत बनती हैं और मूड भी अच्छा रहता है. 

मूवी थिएटर में बिकने वाले पॉपकॉर्न से बचें
मूवी थिएटर में जिन पॉपकॉर्न की खुशबू आपको दीवाना बनाती है, वह आपको बीमार भी कर सकती है. मूवी थिएटर में इन्हें बनाने के लिए नारियल का तेल इस्तेमाल होता है और पॉपकॉर्न बनने के बाद उस पर मक्खन डाला जाता है. इन पॉपकॉर्न में सैचुरेटेड फैट और सोडियम की मात्रा ज्यादा होती है. वहीं इसकी स्मैल लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करे, इसके लिए इसमें 6-एसिटाइल-2,3,4,5-टेट्राहाइड्रोपाइरीडीन और 2-एसिटाइल-1-पाइरोलाइन नाम के केमिकल मिलाए जाते हैं जो सेहत के लिए नुकसानदायक हैं. 

Location :

Delhi,Delhi,Delhi

First Published :

January 19, 2025, 19:18 IST

homelifestyle

हजारों साल पहले पॉपकॉर्न से होती थी सजावट, मंदी का दौर आते ही पलटी इनकी किस्मत

*** Disclaimer: This Article is auto-aggregated by a Rss Api Program and has not been created or edited by Nandigram Times

(Note: This is an unedited and auto-generated story from Syndicated News Rss Api. News.nandigramtimes.com Staff may not have modified or edited the content body.

Please visit the Source Website that deserves the credit and responsibility for creating this content.)

Watch Live | Source Article