इलाजरत बच्चे
सीतामढ़ी : सीतामढ़ी जिले के डुमरा प्रखंड के रसलपुर पंचायत स्थित चक्का रसलपुर गांव में बुधवार शाम को एक गंभीर घटना घटी. भैंस के दूध से बने खिरसा खाने के बाद 15 बच्चे अचानक बीमार पड़ गए. सभी बच्चों को पेट दर्द और उल्टी की शिकायत होने लगी, जिससे परिजनों में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में सभी बच्चों को डुमरा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज शुरू हुआ.
पीएचसी में बच्चों के एक साथ बड़ी संख्या में भर्ती होने से अस्पताल में भी अफरा-तफरी का माहौल बन गया. डॉक्टरों की टीम ने सभी बच्चों को तुरंत इलाज मुहैया कराया, जिसके बाद उनकी हालत में सुधार देखने को मिला. हालांकि, एहतियातन सभी बच्चों को पीएचसी में डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है.
फूड प्वाइजनिंग का मामला
बच्चों के बीमार होने के पीछे फूड प्वाइजनिंग की आशंका जताई जा रही है. डॉक्टर साजिद कमाल ने बताया कि जिस भैंस का दूध इस्तेमाल किया गया था, उसे इंजेक्शन के जरिए दूध उत्पादन कराया जा रहा था. भैंस को पहले कई दवाएं और इंजेक्शन दिए गए थे, जिनकी वजह से दूध विषाक्त हो गया हो सकता है. डॉक्टर ने यह भी बताया कि बदलते मौसम के कारण मवेशियों में “हीट स्ट्रेस” की समस्या बढ़ रही है, जिससे दूध की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है.
खतरनाक स्थिति से बाहर
प्रभावित बच्चों में 11 वर्षीय रौशनी कुमारी, 4 वर्षीय रिषभ कुमार, 11 वर्षीय शिवम कुमार, 9 वर्षीय शिवशंकर कुमार, 9 वर्षीय सत्यम कुमार, 15 वर्षीय रौशन कुमार, 12 वर्षीय अभय कुमार, 9 वर्षीय साक्षी कुमारी और 6 वर्षीय आयुष कुमार सहित अन्य बच्चे शामिल हैं. कुछ बच्चों को इलाज के लिए निजी अस्पताल में भी भेजा गया है। डॉक्टरों के अनुसार, सभी बच्चों की हालत अब खतरे से बाहर है, लेकिन उन्हें एहतियातन निगरानी में रखा गया है.
परिवारों में दहशत
बच्चों के अचानक बीमार पड़ने से परिवारों में चिंता का माहौल बना हुआ है. परिजनों ने बताया कि गांव में भैंस के पहले दूध से बने खिरसा का सेवन करने के बाद बच्चों की तबियत बिगड़ी. सभी परिवार अपने बच्चों के इलाज के लिए तेजी से पीएचसी पहुंचे, जहां उन्हें समय रहते इलाज मिला.
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FIRST PUBLISHED :
September 25, 2024, 22:23 IST