Agency:News18 Madhya Pradesh
Last Updated:February 03, 2025, 15:28 IST
Ajab-Gajab: मधुमक्खी के डंक से होने वाली पीड़ा से राहत पाने के लिए लोग चूना लगाते हैं, जिससे उन्हें राहत मिलती है, लेकिन आज हम ये जानेंगे कि क्या सच में ये इलाज कारगर है.
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हाइलाइट्स
- मधुमक्खी के डंक में फार्मिक एसिड होता है, चूना लगाने से दर्द में आराम मिलता है।
- चूना बेस (क्षार) है, जो फार्मिक एसिड को न्यूट्रलाइज करता है।
- श्रमिक मधुमक्खी शहद का छत्ता बनाती है, रानी और ड्रोन मधुमक्खी नहीं।
मधुमक्खी के डंक का इलाज. छतरपुर जिले में हर साल मधुमक्खी के काटने के मामले सामने आते हैं, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि यहां के लोग जब मधुमक्खी या ततैया काट लेती है, तो सबसे पहले चूना लगाते हैं. क्या चूना लगाने से सच में मधुमक्खी के डंक से आराम मिलता है?
शासकीय कॉलेज लवकुश नगर के जूलॉजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर सुनील कुमार चौरसिया ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि मधुमक्खियां कॉलोनी (मौनवंश) बनाकर रहती हैं. कॉलोनी में तीन प्रकार के सदस्य होते हैं: रानी मधुमक्खी (मादा), ड्रोन मधुमक्खी (नर), और श्रमिक मधुमक्खी.
दर्द में आराम कैसे मिलता है?
प्रोफेसर चौरसिया बताते हैं कि केमिस्ट्री की भाषा में जब अम्ल और क्षार की क्रिया होती है, तो इसे न्यूट्रलाइजेशन यानी उदासीनीकरण कहते हैं. मधुमक्खी के डंक में फार्मिक एसिड होता है और चूना बेस (क्षार) है. जब अम्ल और क्षार की क्रिया होती है, तो यह न्यूट्रल हो जाता है, जिससे दर्द में आराम मिलता है.
मधुमक्खी का छत्ता कौन बनाता है?
प्रोफेसर सुनील बताते हैं कि शहद का छत्ता सिर्फ श्रमिक मधुमक्खी ही बनाती है. ड्रोन और रानी मधुमक्खी का काम मधुमक्खियों की संख्या बढ़ाना होता है. इनका शहद छत्ता बनाने में कोई योगदान नहीं होता.
मधुमक्खी की पहचान कैसे करें?
प्रोफेसर बताते हैं कि मधुमक्खियों को उनके साइज के अनुसार पहचाना जा सकता है. सबसे बड़ा साइज रानी मधुमक्खी का होता है, फिर ड्रोन मधुमक्खी का और सबसे छोटा साइज श्रमिक मधुमक्खी का होता है. एक छत्ते में रानी मधुमक्खी सिर्फ एक ही होती है.
किस मधुमक्खी में होता है जहर?
प्रोफेसर बताते हैं कि ड्रोन या नर मधुमक्खी में जहर नहीं होता. इसका काम रानी मधुमक्खी के साथ संभोग कर मधुमक्खियों की संख्या बढ़ाना होता है. रानी मधुमक्खी अंडे देने के साथ ही काटने का काम भी करती हैं, क्योंकि इसमें जहर होता है. श्रमिक मधुमक्खी में भी फार्मिक एसिड नाम का जहर होता है. शहद तोड़ने वाले लोग जानते हैं कि किस मधुमक्खी में जहर होता है और किसमें नहीं, इसलिए वे आसानी से शहद तोड़ लेते हैं.
प्रोफेसर सुनील कुमार बताते हैं कि मधुमक्खियां कभी भी जानबूझकर नहीं काटतीं. ये अपने बचाव के लिए ही काटती हैं.
Location :
Chhatarpur,Madhya Pradesh
First Published :
February 03, 2025, 15:28 IST
मधुमक्खी के काटने पर क्यों लगाया जाता है चूना? क्या दर्द से मिलता है आराम...