महाशिवरात्रि: बिना इन दो वस्तुओं को धारण किए, न करें महादेव की पूजा, जानें वजह

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Agency:News18 Jharkhand

Last Updated:February 11, 2025, 13:15 IST

Maha Shivratri 2025 Puja Vidhi: महाशिवरात्रि पर महादेव के भक्त शिवलिंग पूजा तो करते ही हैं. लेकिन, कई बार छोटी सी गलती के कारण पूजा अधूरी हो जाती है. बाबा बैद्यनाथ मंदिर के तीर्थ पुरोहित ने बताया रहस्य...

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बिना ये दो चीज धारण किए न करें महादेव की पूजा.

हाइलाइट्स

  • महाशिवरात्रि पर ये माला पहनकर पूजा करें
  • त्रिपुंड या भस्म लगाए बिना पूजा अधूरी मानी जाएगी
  • 26 फरवरी को महाशिवरात्रि का व्रत रखा जाएगा

देवघर: वैसे तो हर माह में शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है, लेकिन फाल्गुन मास की चतुर्दशी तिथि शिव भक्तों के लिए बेहद खास रहती है. क्योंकि, इस दिन शिवरात्रि नहीं बल्कि महाशिवरात्रि का व्रत रखा जाता है. माना जाता है कि महाशिवरात्रि के दिन ही माता पार्वती और भगवान शिव का विवाह संपन्न हुआ था. शिव पुराण के अनुसार, इसी दिन शिवलिंग की उत्पत्ति हुई थी. इसलिए इस दिन शिवलिंग पूजा प्रधान मानी गई है.

महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ की पूजा पूरे विधि विधान के साथ पंचोपचार विधि से करनी चाहिए. इससे भगवान भोलेनाथ बेहद प्रसन्न होते हैं. वहीं, एक ऐसी वस्तु भी है, जिसको पहनकर ही महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा करनी चाहिए, अन्यथा पूजा निष्फल हो जाती है. क्योंकि, यह वस्तु शिवजी को बेहद प्रिय है. ऐसे में देवघर बैद्यनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित ने इस रहस्य को उजागर किया.

महाशिवरात्रि पर ऐसे करें पूजा
देवघर बैद्यनाथ मंदिर के प्रसिद्ध तीर्थ पुरोहित प्रमोद श्रृंगारी ने लोकल 18 को बताया कि हर साल फाल्गुन मास की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का व्रत रखा जाता है. इस साल 26 फरवरी को महाशिवरात्रि का व्रत रखकर भगवान भोलेनाथ की पूजा की जाएगी. महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ के शिवलिंग पर बेलपत्र, फूल, दूध, दही, मधु, घी और शक्कर अवश्य अर्पण करना चाहिए. ऐसा करने से भगवान भोलेनाथ अत्यंत प्रसन्न होते हैं. जिस पर भगवान भोलेनाथ प्रसन्न हो जाएं, उसका भाग्य चमक ही जाता है.

महाशिवरात्रि के दिन ना करें गलती
तीर्थपुरोहित बताते हैं कि महाशिवरात्रि के दिन बाबा बैद्यनाथ ही नहीं, बल्कि किसी भी शिवलिंग की बिना रुद्राक्ष की माला पहने और त्रिपुंड या भस्म लगाए पूजा आराधना करते हैं तो उसे पुनीत होने पर भी महादेव के अभिष्ट फल की प्राप्ति नही होगी. क्योंकि, शास्त्र में उल्लेख है कि “देवो भूत्वा देवं यजेत” यानी देव की तरह होकर देव की पूजा करें. तभी उस पूजा के पूरे फल की प्राप्ति होगी.

कितना मुखी रुद्राक्ष पहनें
तीर्थपुरोहित बताते हैं कि वैसे तो भक्तों को राशि अनुसार रुद्राक्ष धारण करना चाहिए. लेकिन, जो लोग रुद्राक्ष नहीं धारण करते हैं तो वैसे लोग पांच मुखी रुद्राक्ष धारण कर महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा करें.

Location :

Deoghar,Jharkhand

First Published :

February 11, 2025, 13:15 IST

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महाशिवरात्रि: बिना इन दो वस्तुओं को धारण किए, न करें महादेव की पूजा, जानें वजह

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