Last Updated:February 11, 2025, 18:14 IST
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के ओल्ड सुभाष नगर के मोती नगर बस्ती में 110 दुकानों पर बुलडोजर एक्शन हो चुका है और अब इन्हीं दुकानों से लगे 381 घरों की बारी है. यहां बुलडोजर एक्शन फिर से होने वाला है, लेकिन ...और पढ़ें
हाइलाइट्स
- भोपाल में 381 मकानों पर बुलडोजर एक्शन होगा।
- हाईकोर्ट ने बच्चों की परीक्षा तक स्टे दिया है।
- रेलवे और पीडब्ल्यूडी की जमीन अतिक्रमण मुक्त कराई जाएगी।
रमाकांत दुबे
भोपाल. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में हुए बुलडोजर एक्शन में 110 दुकानों को तोड़ने के बाद अब 381 मकानों को तोड़ने की तैयारी है, लेकिन हाई कोर्ट ने इस मामले में बच्चों की परीक्षा खत्म होने तक स्टे दे दिया है. सरकारी सूत्रों का कहना है कि ओल्ड सुभाष नगर के मोती नगर बस्ती में ये सभी घर और दुकानें सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करते हुए बनाए गए हैं और यहां भारतीय रेलवे की भोपाल से इटारसी तक की चौथी रेल लाइन और पीडब्ल्यूडी यहां एक ब्रिज भी बनाने जा रहा है. मोती नगर के लोगों का कहना है कि यहां रहने वाले गरीब लोग हैं; उनका दुकान और घर दोनों ही तोड़ दिया गया है, अब उनका क्या होगा? इस बारे में सरकार को सोचना चाहिए.
रेलवे और पीडब्ल्यूडी की जमीन अतिक्रमण मुक्त कराए जाने के लिए राजधानी भोपाल के ओल्ड सुभाष नगर स्थित मोती नगर बस्ती में 381 मकानों को भी तोड़ा जाना है. दो दिन पहले प्रशासन ने 10 बुलडोजर और 1000 से ज्यादा पुलिस जवानों की मौजूदगी में अतिक्रमण मुक्त अभियान चलाया और पिछले 40 साल से चल रहीं 110 दुकानों को जमीदोज कर दिया. जिस जगह अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जा रही है वहां रेलवे की भोपाल से इटारसी तक चौथी रेल लाइन डाली जानी है. इसके साथ ही पीडब्ल्यूडी यहां एक ब्रिज भी बनाएगा.
भरी आंखों के साथ खुद ही अपना सामान समेट रहे लोग
फिलहाल हाईकोर्ट ने बच्चों के एग्जाम खत्म होने तक स्टे दे दिया है लेकिन स्टे हटते ही रेल लाइन के किनारे बने इन मकानों को तोड़ा जाएगा. स्थानीय लोग 2 महीने के इस समय को एक अवसर के तौर पर देख रहे हैं और कोर्ट में नए सिरे से केस लगाने की तैयारी में हैं क्योंकि उनके सामने अपने मकान और परिवार बचाने की चुनौती है. प्रशासन की सख्ती के चलते लोग अब बुझे मन और भरी आंखों के साथ खुद ही अपना सामान समेट रहे हैं, रहवासियों के सामने संकट है. उनका कहना है कि हम लोग यहां पिछले पचास साल से यहां रह रहे हैं, हमें कहीं और जमीन दी जाए. कम से कम ऐसे तो ना उजाड़ा जाए. स्थानीय लोगों का कहना है कि जिला प्रशासन ने सभी जगहों पर दुकान और मकानों को हटाने के साथ दूसरी जगह पर बसाया है, लेकिन मोती नगर के रहवासियों के साथ अन्याय किया जा रहा है. जिला प्रशासन के अधिकारी पूरे मामले और लोगों की मांग पर कुछ भी कहने से बच रहे हैं क्योंकि मामला फिलहाल कोर्ट में है.
Location :
Bhopal,Bhopal,Madhya Pradesh
First Published :
February 11, 2025, 18:14 IST
इस शहर में तोड़े जाएंगे 381 मकान, बुलडोजर एक्शन से दहशत, बस इतनी है मोहलत