सतना का मातृ छाया बना मिसाल: 187 बच्चों को मिला परिवार, 17 विदेशों में अपनाए गए
सतना: सतना ज़िले के मातृ छाया ऑरफेंज ने बाल कल्याण और संरक्षण में एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है. 2010 में शुरू हुए. इस केंद्र ने अब तक 187 बच्चों को दत्तक ग्रहण के माध्यम से परिवार दिलाने में मदद की है. इनमें 16 बच्चों को विदेशों में एडॉप्ट किया गया. जबकि एक बच्चे का एडॉप्शन प्रोसेस वर्तमान में जारी है.
विदेशों में दत्तक लिए गए बच्चों में से अधिकतर को अमेरिका ने अपनाया. इसके अलावा, एक बच्चा माल्टा, दो इटली, एक स्पेन और एक दुबई में एडॉप्ट किया गया है. इन अंतरराष्ट्रीय एडॉप्शन ने केंद्र को वैश्विक पहचान दिलाई है.
मातृ छाया की संरचना और सेवाएं
एयरपोर्ट रोड के पास स्थित मातृ छाया, जिला बाल संरक्षण इकाई के तहत संचालित होती है. ज़िला कलेक्टर के आदेशानुसार बच्चों को दत्तक के लिए परिवारों को सौंपा जाता है. वर्तमान में, केंद्र में 2 महीने से 5 साल तक के 15 बच्चे हैं. इनके लिए खेल के लिए पार्क और झूले जैसी सुविधाएं भी प्रदान की गई हैं. बच्चों की देखभाल के लिए तीन आया (महिलाएँ) शिफ्ट के अनुसार नियुक्त की गई हैं.
अनाथ बच्चों को परिवार दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका
ज़िला बाल संरक्षण अधिकारी सौरभ सिंह ने लोकल 18 से कहा कि यह केंद्र उन बच्चों के लिए एक सुरक्षित आश्रय है. जिन्हें माता-पिता ने त्याग दिया हो या जो अनाथ और बेसहारा हैं. शिशु गृह में छह साल से कम उम्र के बच्चों को रखा जाता है. यहां उनकी देखभाल के बाद उन्हें दत्तक के लिए परिवारों को सौंपा जाता है.
स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान
मातृ छाया न केवल सतना में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी परिवार और बच्चों के बीच सेतु बनाने में अहम भूमिका निभा रहा है. सतना के इस केंद्र की सफलता बाल कल्याण के क्षेत्र में प्रेरणादायक है.
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FIRST PUBLISHED :
November 26, 2024, 16:28 IST