Maharashtra Chunav: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए वैसे तो भाजपा ने 99 उम्मीदवारों की सूची जारी कर यह संकेत दिया है कि पार्टी के भीतर सबकुछ ठीक है. लेकिन, इस बीच राज्य की राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले शरद पवार लगातार उसे परेशानी में डाल रहे हैं. उन्होंने मुंबई बीजेपी के एक बड़े नेता का शिकार कर लिया है. दरअसल, यह पूरी कहानी एक पिता-पुत्र की है. संदीप नाईक एक प्रभावी स्थानीय नेता हैं. उनको भाजपा ने नवी मुंबई का अध्यक्ष पद दिया था.
गणेश नाईक राज्य में भाजपा के बड़े नेता हैं. उनको भाजपा ने एरोली से टिकट दिया है. लेकिन, बेटे संदीप नाईक भी अपने लिए टिकट चाहते थे. संदीप नवी मुंबई के बेलापूर सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन पार्टी ने इस सीट से मौजूदा विधायक मंदा म्हात्रे को ही दोबारा उम्मीदवार बनाया है. टिकट नहीं मिलने से संदीप नाराज है और उन्हें शरद पवार गुट की तरफ से बेलापुर सीट से टिकट का वादा भी किया गया है.
संदीप एनसीपी (शरद पवार) के संपर्क में हैं. वह मंगलवार को अपने समर्थकों की एक रैली निकालते हुए शरद पवार के साथ चुनाव लड़ने पर अपने फैसले का ऐलान करेंगे. नवी मुंबई में नाईक परिवार का दबदबा है. बीजेपी ने नवी मुंबई के एरोली सीट से संदीप के पिता गणेश नाईक को उम्मीदवारी दी है. बीजेपी की तरफ से संदीप का मनाने का प्रयास किया गया था.
शिवसेना में संभावित उम्मीदवार का विरोध
राज्य के हाई प्रोफाइल निर्वाचन क्षेत्रों में से एक वर्ली विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र की लड़ाई पर सभी की निगाहें हैं. यहां से शिवसेना ठाकरे गुट के नेता और मौजूदा विधायक आदित्य ठाकरे मैदान में उतर सकते हैं. ऐसे में महायुति किसको मैदान में उतारेगी. वर्ली सीट से फिलहाल बीजेपी नेता शाइना एनसी के नाम की चर्चा चल रही है. हालांकि, कहा जा रहा है कि शाइना एनसी शिव सेना शिंदे गुट के चुनाव चिह्न धनुष और तीर पर चुनाव लड़ रही हैं. शाइना एनसी ने भी निर्वाचन क्षेत्र का दौरा शुरू कर दिया है. वर्ली निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व वर्तमान में आदित्य ठाकरे करते हैं. उनसे पहले यहां से शिवसेना विधायक सुनील शिंदे विधायक थे. इसके अलावा, सचिन अहीर, जो पहले एनसीपी में थे और वर्तमान में ठाकरे समूह में हैं, ने भी इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है.
शिंदे गुट के कार्यकर्ता आक्रामक
वर्ली में शिव सेना शिंदे गुट से शाइना एनसी के चुनावी मैदान में उतरने की संभावना है. शिंदे गुट की ओर से ही उनकी उम्मीदवारी का विरोध शुरू हो गया है. शिंदे गुट के असंतुष्ट कार्यकर्ताओं ने स्थानीय उम्मीदवार की मांग की है.
वर्ली में बाहरी उम्मीदवारों की भीड़
2019 के विधानसभा चुनाव में आदित्य ठाकरे उतरे. ठाकरे परिवार से पहला शख्स चुनाव मैदान में उतरा. उस समय आदित्य ठाकरे ने वर्ली विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था. राज्य में राजनीतिक उथल-पुथल के बाद महायुति और एमएनएस की ओर से आदित्य ठाकरे को चुनौती देने की कोशिश की गई है. इस निर्वाचन क्षेत्र से संदीप देशपांडे को मनसे से नामांकन मिलने की संभावना है. पिछले कुछ महीनों से उनका फोकस वर्ली पर है.म
FIRST PUBLISHED :
October 22, 2024, 09:58 IST