फाइल फोटो- सत्यापन को लेकर चेकिंग अभियान चलाती पुलिस
श्रीनगर गढ़वाल: उत्तराखंड में बढ़ते आपराधिक मामलों ने धामी सरकार की चिंताएं बढ़ा दी हैं. प्रदेश में हो रही ज्यादातर आपराधिक घटनाओं में बाहरी प्रदेशों के लोग शामिल पाए गए हैं. कुछ मामलों के विरोध में हिंदूवादी संगठन भी सड़कों पर उतरे हैं. इन घटनाओं को देखते हुए प्रदेश सरकार ने बाहरी लोगों का सत्यापन करवाने की प्रक्रिया शुरू की है. पूर्व में भी उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशभर में सुरक्षा को लेकर सत्यापन करने के निर्देश दिए थे. इसके बाद पुलिस ने बड़े पैमाने पर बाहरी लोगों के सत्यापन का अभियान चलाया था.
सत्यापन को लेकर बड़ा अभियान
हाल ही में मसूरी में चाय में थूकने की घटना के बाद मुख्यमंत्री धामी ने सख्त लहजे में कहा कि प्रदेश में लैंड जिहाद, लव जिहाद और थूक जिहाद की घटनाएं सामने आ रही हैं, जिन्हें किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे लोगों के लिए उत्तराखंड में कोई जगह नहीं है और इनके खिलाफ बड़ा अभियान चलाया जाएगा.
सभी जिलों के कप्तानों को सख्त निर्देश
इस निर्देश के बाद, पुलिस ने सत्यापन अभियान में तेजी लाई है और प्रभारी डीजीपी अभिनव कुमार ने सभी जिलों के कप्तानों को पत्र जारी किया है. इसमें होटल, रेस्टोरेंट और ढाबों में इस तरह की घटनाओं के खिलाफ अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा, होटल, ढाबों और रेस्टोरेंट के रसोईघरों में सीसीटीवी कैमरे लगाने और वहां काम करने वाले लोगों का सत्यापन कराने के आदेश भी दिए गए हैं.
इन घटनाओं के बाद गरमाया सत्यापन का मामला
उधमसिंह नगर में नर्स के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में आरोपी उत्तर प्रदेश का रहने वाला था. वहीं, देहरादून के पलटन बाजार में लड़की से छेड़छाड़ करने वाला आरोपी भी उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले से ताल्लुक रखता था. पौड़ी के श्रीनगर में एक युवक 15 से 20 फेसबुक अकाउंट बनाकर लड़कियों से बातचीत करता और उन्हें फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजता था. यह युवक भी उत्तर प्रदेश का रहने वाला निकला. इसी तरह, चमोली के थराली में नाबालिग के साथ छेड़छाड़ करने वाले युवक को भी पुलिस ने बिजनौर से गिरफ्तार किया.
पौड़ी जनपद में भी पुलिस द्वारा बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों का सत्यापन किया जा रहा है. अब तक पुलिस ने जनपद में 4,565 लोगों का सत्यापन किया है. ये लोग जनपद के विभिन्न स्थानों पर अलग-अलग प्रकार के रोजगार करते हुए स्थानीय लोगों के घरों में रह रहे हैं. इनमें सब्जी विक्रेता, नाई, धोबी, प्लम्बर, पेंटर जैसे कार्य करने वाले लोग शामिल हैं, जबकि कई मजदूर विभिन्न विकास परियोजनाओं में काम कर रहे हैं. श्रीनगर क्षेत्र में यह आंकड़ा 1,385 का है. जिले में सबसे अधिक सत्यापन कोटद्वार में 1,541, पौड़ी में 501, लक्ष्मण झूला में 825 और पैठानी में 100 बाहरी लोगों का किया गया है. जिन मकान मालिकों ने बिना सत्यापन के बाहरी लोगों को किराये पर रखा था, उन 135 मकान मालिकों का चालान किया गया, और प्रत्येक पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया. कुल मिलाकर, जनपद में पुलिस द्वारा 13,50,000 रुपये के चालान किए गए हैं.
बाहरी लोगों के सत्यापन को लेकर लोकल जनता की राय
लोकल 18 ने श्रीनगर में बाहरी लोगों के सत्यापन के मुद्दे पर स्थानीय लोगों की राय जानने की कोशिश की. स्थानीय निवासी और सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. मुकेश सेमवाल ने कहा कि उत्तराखंड में चल रही विकास परियोजनाओं के लिए बाहरी राज्यों से कई मजदूर आते हैं. उन्होंने सुझाव दिया कि इन मजदूरों का सत्यापन रेलवे स्टेशनों पर ही किया जाना चाहिए, ताकि आपदाओं या दुर्घटनाओं के समय सही आंकड़े उपलब्ध हों. तपोवन विष्णुगाड परियोजना और सिल्क्यरा में टनल के अंदर फंसे मजदूरों की सटीक जानकारी नहीं मिल पाई थी. उन्होंने कहा कि सत्यापन प्रक्रिया आसान होनी चाहिए ताकि लोग बिना परेशानी के अपना सत्यापन करवा सकें, क्योंकि हर व्यक्ति रोज़गार के लिए आता है और वह भारत का नागरिक है.
नियमित रूप से सत्यापन करे पुलिस
गढ़वाल विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष, अंकित उच्छोली ने कहा कि पुलिस को सत्यापन नियमित रूप से करना चाहिए, न कि किसी घटना के बाद ही अभियान के रूप में. उन्होंने सुझाव दिया कि सप्ताह में एक दिन सत्यापन के लिए निर्धारित किया जाना चाहिए, ताकि लोगों को आसानी हो.
उत्तर प्रदेश से पलायन कर उत्तराखंड आ रहे अपराधी
स्थानीय व्यापारी सुजीत अग्रवाल ने कहा कि बाहरी लोगों का सत्यापन जरूरी है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे आपराधिक प्रवृत्ति के तो नहीं हैं. उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की सख्ती के बाद, वहां के कई गुंडे और बदमाश प्रवृत्ति के लोग उत्तराखंड आ रहे हैं. इसीलिए सत्यापन अनिवार्य होना चाहिए.
उत्तराखंड पुलिस ऐप के माध्यम से हो सत्यापन
आरटीआई कार्यकर्ता कुशलानाथ ने कहा कि बाहरी लोगों के सत्यापन के मामले में पुलिस को सख्ती बरतनी चाहिए, जबकि स्थानीय लोगों के लिए यह प्रक्रिया आसान होनी चाहिए. उन्होंने सुझाव दिया कि उत्तराखंड पुलिस ऐप के माध्यम से भी सत्यापन किया जा सकता है, जो एक सरल और सुविधाजनक प्रक्रिया है.
सत्यापन पुलिस की अच्छी पहल
सामाजिक कार्यकर्ता परवेज अहमद ने कहा कि पुलिस द्वारा चलाया जा रहा सत्यापन एक अच्छी पहल है. जो भी व्यक्ति बाहरी प्रदेश से आ रहा है, उसका सत्यापन होना जरूरी है. इसे एक अभियान के बजाय एक निरंतर प्रक्रिया बनाए रखना चाहिए.
बाहरी लोगों का हो विस्तृत सत्यापन
बार एसोसिएशन के संरक्षक, अधिवक्ता अनूप श्री पांथरी ने कहा कि बाहरी लोगों को चिन्हित कर उनका सत्यापन किया जाना चाहिए. उनके स्थायी निवास से चरित्र प्रमाणपत्र मंगवाए जाने चाहिए और उनका विस्तृत सत्यापन होना चाहिए. ताकि आपराधिक घटनाओं पर लगाम लग सकें.
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FIRST PUBLISHED :
October 22, 2024, 11:53 IST