अंजली शर्मा / कन्नौज. कन्नौज में फूलगोभी और बंदगोभी की खेती करने वाले किसानों पर मौसम की मार के चलते उनकी फसलों में कई तरह के कीटों का प्रकोप होने की संभावना है. जिसमें हानिकारक कीट जैसे हरी सुड़ी, तना भेदक तथा चेपा व काला धब्बा रोग लगना शुरू हो गया है. ऐसे में किसानों को इस वक्त बहुत सावधानी बरतने की जरूरत है. किसान एनपीके 50 किलोग्राम को 15 लीटर पानी में घोलकर स्प्रे कर दें, काले धब्बे के लिए फफूंदीनाशक का प्रयोग करें.
कौन कौन से कीट का हो सकता प्रकोप
इस समय फूलगोभी और बंद गोभी के लिए सबसे खतरनाक कीट हरी सुडी, तना भेदक, चेपा और काला धब्बा रोग फसल को खराब कर सकता है. यह कीट लग जाने के बाद फसल पूरी तरह से बर्बाद हो जाती है.
क्या करें उपाय
इन रोगों वह कीटों से बचने के लिए किसान नीम के तेल को 3 से 4 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें. पौधों की ग्रोथ के लिए 50 मिली लीटर एनपीके को 15 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे कर सकते हैं. काले धब्बे के लिए फफूंदी नाशक दवा का प्रयोग करें. पंखदार चेपा को दूर करने के लिए खेत में पीले चिपचिपे ट्रैप लगाएं. रासायनिक दवाओं का छिड़काव न करें.
क्या बोले कृषि वैज्ञानिक
लोकल 18 से बात करते हुए कृषि विज्ञान केंद्र अनौगी उद्यान वैज्ञानिक डॉ. अमर सिंह ने बताया कि फसलों में लगने वाले कीटों का समय से प्रबंधन करना जरूरी है. इस समय कई तरह के कीट गोभी की फसल में लग रहे हैं, उन्होंने स्वयं निरीक्षण कर देखा. कई तरह के कीट गोभी की फसल में लग रहे हैं, ऐसे में किसानों को नीम ऑयल को तीन से चार मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव कर लेना चाहिए. काला धब्बा रोग के लिए किसानों को फफूंदी नाशक का प्रयोग करना चाहिए. इस तरह के उपाय कर किसान अपनी फसल को बचा सकते हैं.
Tags: Hindi news, Local18
FIRST PUBLISHED :
October 22, 2024, 13:53 IST