Agency:News18 Uttar Pradesh
Last Updated:February 07, 2025, 13:32 IST
Aligarh Muslim University: यूपी के अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी एशिया भर में मशहूर है. ऐसे में यहां की लाइब्रेरी में मुगलकालीन कुर्ता मौजदू है. इस कुर्ते पर पूरा कुरान लिखा हुआ है. इसके अलावा भी कई ...और पढ़ें
यूपी के इस शहर मे महफूज है मुगलों का 300 साल पुराना कुर्ता
हाइलाइट्स
- अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी में मुगलकालीन कुर्ता मौजूद है.
- इस कुर्ते पर पूरा कुरान लिखा हुआ है.
- 1933 में लंदन से वापस लाया गया था.
अलीगढ़: यूपी अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी एशिया की सबसे बड़ी लाइब्रेरियों में शुमार है. वहीं, एएमयू के मौलाना आजाद लाइब्रेरी में एक संग्रहालय है. जहां कुछ बेहद खास और नायाब चीजें संजोकर रखी गई हैं. वहीं, भारत के मुगलकालीन इतिहास से जुड़ी कई दुर्लभ चीजों में से मुगलकालीन कुर्ता भी है.
वैसे तो इस लाइब्रेरी में और भी कई चीजें अपना ऐतिहासिक महत्व रखती हैं, लेकिन इस कुर्ते का किस्सा बड़ा ही खास है. क्योंकि एक तो इस पर पूरा कुरान लिखा हुआ है और दूसरे इसके ब्रिटेन से वापस मिलने की कहानी भी बड़ी ही दिलचस्प है. आज हम आपको इस कुर्ते के बारे में बताएंगे.
14 लाख का किताबों का है संग्रह
दरअसल, मौलाना आजाद लाइब्रेरी के संग्रहालय में 14 लाख से ज्यादा किताबें और कई बेशकीमती वस्तुएं मौजूद हैं. उन्हीं में बेहद खास एक कुर्ता है. इस कुर्ते के बारे में कहा जाता है कि पहले मुगल बादशाह इसे पहना करते थे. खास तौर से जंग के वक्त इस कुर्ते को पहनने की परंपरा थी. ऐसा माना जाता था कि कुरान लिखे इस कुर्ते को पहनने से जंग में मुगलों को जीत मिलेगी और उनकी जान को खतरा भी नहीं होगा. बताया जाता है कि यह धारणा इसलिए भी सही साबित हुई कि मुगल बादशाहों ने इसे कई जंगों में पहना और जीत भी हासिल की.
AMU की लाइब्रेरियन ने बताया
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की मौलाना आजाद लाइब्रेरी की लाइब्रेरियन निशात फातमा बताती हैं कि AMU फाउंडर सर सैयद अहमद खान के पोते सर राॅस मसूद को लॉर्ड लुथियन ने 1933 में लंदन में यह कुर्ता सौंपा था. कुर्ता सौंपते समय उन्होंने कहा था कि 1857 के गदर में इसे हिंदुस्तान से लूट कर लंदन लाया गया था. यह हिंदुस्तान की अमानत है. इसलिए वापस किया जा रहा है.
ऐसे में सर सैयद अहमद खान के पोते सर राॅस मसूद इस कुर्ते को वापस लेकर हिंदुस्तान आए. इसके साथ ही इसे AMU की मौलाना आजाद लाइब्रेरी में जमा कर दिया था. 1933 से लेकर आज तक यह इसी लाइब्रेरी में मौजूद है. इसे देखना हर कोई पसंद करता है.
Location :
Aligarh,Uttar Pradesh
First Published :
February 07, 2025, 13:32 IST
मुगलों के समय का है यह अनोखा कुर्ता, इसे पहनकर नहीं हारते थे कोई भी युद्ध