मेवाड़ पर इतनी लड़ाई क्यों, क्या है इसका महत्व? यूं ही नहीं सुनाई जाती कहानी

2 hours ago 1

उदयपुरः राजस्थान का मेवाड़ क्षेत्र कितना ऐतिहासिक रहा है और इसकी कितनी वीरगाथाएं हैं, ये किसी को बताने की जरूरत नहीं है. मेवाड़ शुरू से ही राजस्थान का प्रभावशाली क्षेत्र रहा है, जहां महाराणा प्रताप और उनके वंशज ने राज किया. मेवाड़ की स्थापना गुहिला राजवंश ने की थी और फिर बाद में सिसोदिया राजवंश ने शासन किया था. मेवाड़ की प्राचीन राजधानी चित्तौड़ थी और अब उदयपुर है. मेवाड़ के कई पुराने नाम रहे. जैसे कि शिवि, प्राग्वाट और मेदपाट थे. मेवाड़ में कुल 84 किले हैं. राजस्थान का मेवाड़ वहां आने वाले लोगों को हर कुछ कदम पर सैकड़ों साल पुराने इतिहास की सैर कराता है. यहां के ऐतिहासिक किले, महल और स्मारक इस जगह की कहानी खुद ही कहते हैं.

क्या है पूरा विवाद?
नए मेवाड़ के तौर पर विश्वराज सिंह का राजतिलक हो गया. लेकिन पुरानी प्रथा के मुताबिक राजतिलक के बाद धूणी दर्शन नहीं कर पाने से राजतिलक अधूरा रह गया है. विश्वराज सिंह के चाचा ने प्रथा को बीच में ही रोक दी. उन्होंने सिटी पैलेस का गेट बंद कर दिया, जिससे विश्वराज सिंह धूणी दर्शन नहीं कर पाए. वहीं उनके समर्थकों ने पत्थरबाजी भी की. पुलिस ने बीच-बचाव करते हुए जैसे-तैसे मामले को शांत कराया.

मेवाड़ में आने वाले जिले
मेवाड़ क्षेत्र में भीलवाड़, चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, राजसमंद और उदयपुर जिला शामिल है. मेवाड़ की भारत के इतिहास में खास जगह है. यहां के शासकों बप्पा रावल, राणा सांगा, महाराणा प्रताप के किस्सों ने मेवाड़ को अलग पहचान दी है. अगर राजनीतिक रूप से इस क्षेत्र की महत्वता देखें तो यहां से राजस्थान को चार मुख्यमंत्री मिले. जिनमें मोहन लाल सुखाड़िया सबसे लंबे समय तक सीएम पद पर हे. वो करीब 16 साल तक सीएम रहे. मेवाड़ क्षेत्र में कुल 28 विधानसभा सीटें हैं, जो की परिसिमन से पहले 25 थीं.

क्या है ऐतिहासिक कहानी
ऐतिहासिक तौर पर भले ही इसे मेवाड़ क्षेत्र कहते हैं लेकिन अब इसे उदयपुर संभाग कहा जाता है. इस संभाग में उदयपुर, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा और सलूम्बर जिले आते हैं. हाल ही में संभाग में बदलाव हुए हैं. जबकि इससे पहले इस संभाग में बांसवाड़ा, डुंगरपुर, प्रतापगढ़ जिले भी थे, लेकिन अब ये बांसवाड़ संभाग में चले गए.

Tags: Udaipur news

FIRST PUBLISHED :

November 26, 2024, 10:59 IST

*** Disclaimer: This Article is auto-aggregated by a Rss Api Program and has not been created or edited by Nandigram Times

(Note: This is an unedited and auto-generated story from Syndicated News Rss Api. News.nandigramtimes.com Staff may not have modified or edited the content body.

Please visit the Source Website that deserves the credit and responsibility for creating this content.)

Watch Live | Source Article