Explainer:'सेक्युलर' शब्द पर क्यों गरजे योगी, क्या अंबेडकर ने भी किया था विरोध

1 hour ago 1

हाइलाइट्स

संविधान सभा में खुद अंबेडकर इस सेक्युलर शब्द का विरोध किया थातब इमर्जेंसी के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इसे जोड़ासंविधान का मूल मसौदा तैयार करने के दौरान भी इस शब्द पर काफी बवाल हुआ

भारतीय संविधान की मूल आत्मा माना जाने वाले सेक्युलर शब्द के खिलाफ दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट द्वारा खारिज करने के बाद योगी आदित्यनाथ इस मामले पर लखनऊ में एक कार्यक्रम में गरजे. उन्होंने कहा कि बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर के संविधान में “दो शब्द” सेक्युलर और सोशलिस्ट संविधान में नहीं थे. कांग्रेस ने चोरी-चुपके से यह शब्द जोड़े.

जानिए सेक्युलर शब्द कैसे हमारे संविधान में आया. ये भी जानेंगे कि क्या इसे हटाया जा सकता है. अगर ऐसा करना हो तो उसकी क्या प्रक्रिया होगी.

सेक्युलर शब्द एक बार फिर चर्चा में है. जानिए, आखिर क्या है ये शब्द जो आए-दिन इस्तेमाल होता है.

कहां से आया ये शब्द 
सेक्युलर शब्द काफी पुराना है. ये लेटिन भाषा के saeculum से बना है, जिसका मोटा-मोटी अर्थ है- किसी भी धर्म के प्रति तटस्थ रहने वाला. यानी जो सही मायने में सेकुलर होते हैं कि वे किसी भी धर्म विशेष के लिए झुकाव या रंजिश नहीं रखते. वैसे लेटिन में इसका मूल अर्थ अनंत और सार्थक जीवन से है. क्रिश्चियन धर्म में इसे ईश्वर से जोड़ा जाता है जो समय के बाद भी रहते हैं.

धर्म के खिलाफ नहीं, बल्कि उसके लिए तटस्थ
यही इस तरह से देखें तो सेक्युलर यानी वो कतई नहीं है जो भगवान के होने से इनकार करता है. कई विशेषज्ञों और दार्शनिकों ने इसपर सहमति जताई कि सेकुलर यानी एंटी-रिलिजियस नहीं, बल्कि रिलीजियसली-न्यूट्रल होना है. यानी धर्म के विरोध की बजाए किसी भी धर्म के लिए उदासीनता.

पश्चिम से आया है सेक्युलर
वैसे सेक्युलर शब्द को पश्चिम और क्रिश्चियनिटी से आया शब्द मानते हैं. यही वजह है कि दूसरे धर्मों में इसके लिए अलग से कोई शब्द नहीं है, बल्कि इसे ही शामिल कर लिया गया. अब इस शब्द का सबसे ज्यादा उपयोग राजनीति में किया जा रहा है. इसके अलावा हायर स्टडीज में भी इस शब्द का धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है, जहां सेक्युलर ट्रेंड से लेकर सेकुलर पैटर्न और सेकुलर हेल्थ तक शब्द शामिल हैं.

पहले भी हुआ है विवाद
भारतीय राजनीति पर गौर करें तो सेक्युलर शब्द को लेकर अक्सर पार्टियां आमने-सामने आती रही हैं. ये पहला मौका नहीं है जब महाराष्ट्र में इसे लेकर घमासान मचा. इससे पहले भी भारतीय संविधान से इसे हटाने की बात आ चुकी है. बता दें कि वाजपेयी सरकार ने भी साल 1998 में संविधान की समीक्षा के लिए कमेटी बनाई थी. तब इसका विरोध भी हुआ था कि ये संविधान के मूल ढांचे को प्रभावित करने की कोशिश है. साथ ही ये भी कहा गया था कि ये वास्तव में सेकुलरिज्म और आरक्षण को खत्म करने के लिए किया जा रहा है.

नहीं हो सका बदलाव 
हालांकि ये शब्द संविधान की मूल प्रस्तावना में होने के कारण इससे छेड़छाड़ नहीं हो सकी. असल में संसद के पास संविधान को संशोधित करने की शक्ति तो है, लेकिन तभी तक, जब तक कि संविधान के बेसिक स्ट्रक्चर को न बदला गया हो.

संविधान का मूल मसौदा तैयार करने के दौरान भी इस शब्द पर काफी बवाल हुआ

संविधान बनाने के दौरान हुई थी बहस
देश में संविधान का मूल मसौदा तैयार करने के दौरान भी इस शब्द पर काफी बवाल हुआ था. अधिकतर नेता इस शब्द को जोड़े जाने के खिलाफ थे. खुद संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर को भी सेक्युलर शब्द के जोड़े जाने से एतराज था. कई नेताओं ने बहस के दौरान तर्क किया कि सेक्युलर कहते हुए हम ये मान लें कि धर्म की हमारे जीवन में कोई जगह नहीं. या फिर कई धर्मों के कारण हमें चुनाव में तकलीफ हो रही हैं या फिर सेक्युलर शब्द को शामिल किया जाए तो संविधान में धर्म से जुड़े सारे मूल अधिकारों को गायब कर दिया जाए. आखिरकार संविधान निर्माण के दौरान सेक्युलर शब्द गायब रहा.

दोबारा जोड़ा गया सेक्युलर शब्द
साल 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने एकाएक ऑल इंडिया रेडियो पर इमरजेंसी का एलान किया. साल 1976 में इमरजेंसी के दौरान ही संविधान की प्रस्तावना में संशोधन किया गया, जिसमें ?सेक्युलर? शब्द को शामिल किया गया. इस पर एक पक्ष का मानना है कि संविधान में इससे पहले भी पंथ निरपेक्षता का भाव शामिल था. प्रस्तावना में सभी नागरिकों को विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता और समानता का अधिकार दिए गए हैं. 42वें संशोधन में सेलुकर श

Tags: Constitution Day, Constitution of India, Indian Constitution

FIRST PUBLISHED :

November 26, 2024, 13:11 IST

*** Disclaimer: This Article is auto-aggregated by a Rss Api Program and has not been created or edited by Nandigram Times

(Note: This is an unedited and auto-generated story from Syndicated News Rss Api. News.nandigramtimes.com Staff may not have modified or edited the content body.

Please visit the Source Website that deserves the credit and responsibility for creating this content.)

Watch Live | Source Article