पश्चिम बंगाल के कोलकाता लेदर कॉम्प्लेक्स में एक मैनहोल की सफाई करते समय तीन मजदूर नाले में गिर गए थे। इस हादसे में तीनों मजदूरों की मौत हो गई थी। अब ममता सरकार ने नाले में गिरने से मरने वाले तीनों मजदूरों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। नगरीय मामलों के मंत्री फिरहाद हकीम ने रविवार को कहा कि हालांकि जांच पूरी होने के बाद ही मौतों का सही कारण पता चल पाएगा, लेकिन संदेह है कि नाले में जहरीली गैसों के कारण मौतें हुईं।
फिरहाद हकीम ने कहा, "मजदूर केएमडीए (कोलकाता मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी) ड्रेनेज नेटवर्क में काम कर रहे थे। यह काम लेदर कॉम्प्लेक्स की इकाइयों से संबंधित था। लेकिन यह तुरंत स्पष्ट नहीं हो पाया कि ड्रेनेज सिस्टम के एक केंद्र पर इतनी बड़ी मात्रा में अपशिष्ट कैसे जमा हो गया।"
रविवार को हुआ हादसा
फरजान शेख, हसी शेख और सुमन सरदार नाम के तीन मजदूरों की रविवार को शहर के पूर्वी उपनगरों में बंटाला इलाके में कोलकाता लेदर कॉम्प्लेक्स में एक मैनहोल की सफाई करते समय नाले में गिरने से मौत हो गई।
एक मजदूर को बचाने में दो अन्य की मौत
क्षेत्र में चमड़ा इकाइयों से निकलने वाले अपशिष्ट से भरे मैनहोल को साफ करते समय एक मजदूर फिसलकर 20 फीट गहरे नाले में गिर गया था। दो अन्य उसे बचाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन वे भी नाले में गिर गए। रविवार दोपहर को राज्य आपदा प्रबंधन, दमकल विभाग और पुलिस कर्मियों ने उनके शवों को बाहर निकाला।
सुप्रीम कोर्ट ने 4 दिन पहले लगाया था बैन
सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता सहित छह महानगरों में हाथ से मैला ढोने और सीवर की सफाई पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है। इस आदेश के ठीक चार दिन बाद हाथ से मैला साफ करते हुए तीनों मजदूरों की मौत हुई। इससे पहले भी देश भर में हाथ से सीवर की सफाई करते हुए कई मजदूरों की मौत हो चुकी है। क्योंकि अक्सर ऐसे नालों में गंदगी जमा हो जाती है, जिसमें जहरीली गैस बनती है। लंबे समय से हाथ से मैला साफ करने की प्रथा बंद करने की कोशिशें हो रही हैं, लेकिन अभी भी यह प्रथा जारी है। (इनपुट- पीटीआई भाषा)