मौनी अमावस्या पर स्लीपर और जनरल कोच हुआ एक सामान, रिजर्वेशन वाले बाहर...

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Agency:News18 Bihar

Last Updated:January 29, 2025, 08:09 IST

Mauni Amavasya : मौनी अमावस्या पर कुंभ मेला प्रयागराज को जाने वाली संपर्क क्रांति ट्रेन का हाल कुछ अलग ही रहा है. ट्रेन में एसी, स्लीपर और जनरल कोच में कोई अंतर नजर नहीं आ रहा था. सब में दिखाई दे रही थी तो यात्...और पढ़ें

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आपातकालीन

आपातकालीन खिड़की ही बन गया गेट 

हाइलाइट्स

  • मौनी अमावस्या पर ट्रेनों में भारी भीड़
  • रिजर्वेशन वाले यात्री ट्रेन में चढ़ नहीं पा रहे
  • स्लीपर और जनरल कोच में कोई अंतर नहीं

पटना. आज मौनी अमावस्या है. इस अवसर पर गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है. यदि गंगा स्नान कुंभ नगरी में हो, तो इससे बेहतर और क्या हो सकता है. इसी सोच के साथ लाखों की संख्या में लोग पटना से प्रयागराज के लिए रवाना हो रहे हैं. पटना के सभी स्टेशनों से प्रयागराज की ओर जाने वाली ट्रेनों में भारी भीड़ देखने को मिल रही है. इतनी भीड़ तो छठ पूजा के दौरान भी नहीं देखी जाती. प्रीमियम ट्रेनें हों या सामान्य, हर जगह यात्रियों का हुजूम नजर आ रहा है. स्थिति यह है कि रिजर्वेशन वाले यात्री, जिन्हें दिल्ली जाना है, वे ट्रेन में चढ़ भी नहीं पा रहे हैं, जबकि दूसरे लोग उनकी सीटों पर कब्जा जमाए सफर कर रहे हैं. स्थिति पूरी तरह बेकाबू हो चुकी है.

लोगों के इस भीड़ को करीब से समझने और आम यात्रियों की परेशानियों को जानने लोकल 18 की टीम ने पटना के राजेंद्र नगर टर्मिनल पर दिल्ली जाने वाली सम्पूर्ण क्रांति एक्सप्रेस की स्थिति का जायजा लिया. लोकल 18 से बातचीत करते हुए पैसेंजर्स ने कहा, ‘समझ ही नहीं आ रहा है, कौन स्लीपर है और कौन जनरल. सब एक बराबर हो गया है’.

ट्रेन के लिए लोग घंटों कर रहे हैं इंतजार 
पटना से शाम 7 बजकर 25 मिनट पर नई दिल्ली जाने वाली संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस राजेंद्रनगर टर्मिनल के प्लेटफॉर्म संख्या 2 पर पहुंचती है. इन दिनों ट्रेन के प्लेटफॉर्म पर पहुंचने के करीब तीन से चार घंटे पहले ही लोगों की भीड़ उमड़नी शुरू हो जाती है. देखते ही देखते पूरा प्लेटफॉर्म लोगों की भीड़ से खचाखच भर जाता है. जैसे ही ट्रेन प्लेटफॉर्म पर पहुंचती है, लोग ट्रेन में घुसने के लिए एक-दूसरे पर टूट पड़ते हैं.

सबसे पहले ट्रेन में दाखिल होने के मकसद से खूब धक्का-मुक्की देखने को मिलती है. कोई बोगी की आपातकालीन खिड़की से घुसता हुआ दिखाई देता है तो कोई एक-दूसरे के साथ धक्का-मुक्की करते हुए घुसने की कोशिश करता हुआ दिखाई देता है. गेट पूरी तरह से जाम हो जाता है. यह हाल जनरल और स्लीपर दोनों बोगियों का है. स्थिति ऐसी है कि ट्रेन के अंदर सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है. इसके बावजूद लोग सफर करने को तैयार हैं.

बेटिकट वाले अंदर, आम यात्री बाहर 
पटना से गाजियाबाद जा रही एक महिला ने बताया, ‘मैं और मेरे पति अपनी दो बेटियों और एक बेटे के साथ संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस से गाजियाबाद शादी में शामिल होने जा रहे थे. स्लीपर में रिजर्वेशन भी है, लेकिन ट्रेन में चढ़ने की जगह ही नहीं है. सीट तो छोड़िए, गेट भी पूरी तरह से जाम है. मेरे पति और बेटा किसी तरह ट्रेन के अंदर घुस गए, लेकिन मैं बेटियों के साथ अंदर नहीं जा पाई. अब स्थिति ऐसी है कि पति बाहर नहीं आ पा रहे हैं और मैं अंदर नहीं जा पा रही हूं. जनरल और स्लीपर में कोई अंतर नहीं रह गया है.’

यही समस्या एक युवक को भी हुई जिसने प्रयागराज जाने के लिए एक महीने उनके ही रिजर्वेशन करवाया था. लेकिन अब रिजर्वेशन होने के बावजूद भी ट्रेन के अंदर नहीं घुस पाया. उसने कहा, ’25 साल का हूं फिर भी गेट से अंदर नहीं घुस पा रहा हूं. मेरी रिजर्व्ड सीट पर एक नहीं दस लोगों का कब्जा है. कोई व्यवस्था नहीं है’.

1400 का टिकट और बैठने की जगह नहीं 
अपनी बुजुर्ग मां के साथ दिल्ली जा रहा एक परिवार स्लीपर की साइड लोवर सीट पर दुबककर छोटी सी जगह पर बैठा हुआ नजर आया. जब लोकल 18 ने उनसे बात की, तो उन्होंने बताया, ‘मां का इलाज करवाने दिल्ली ले जा रहा हूं. 1400 रुपए की एक टिकट खरीदी थी ताकि आराम से जा सकूं, लेकिन स्थिति ऐसी है कि साइड लोअर की एक सीट पर करीब 6 लोग बैठे हुए हैं. उतने ही लोग सामने खड़े हैं. 80 से 90 लोगों की क्षमता वाले डिब्बे में 500 से भी ज्यादा लोग ठुंसे हुए हैं.’

सांस लेना भी हुआ कष्टदायक 
साइड लोवर की सीट पर बैठे एक यात्री ने कहा, ‘भीड़ इतनी है कि सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है. गर्दन घुमाने की भी जगह नहीं है. समझ ही नहीं आ रहा कि गर्मी है या सर्दी.’

एक अन्य यात्री ने कहा, ‘ट्रेन के अंदर का माहौल बताने लायक नहीं है. पूरी तरह से ओवरलोड है. कोई फर्श पर बैठा है तो कोई बाथरूम में. जिसे सीट मिल गई है, वह अपनी सीट से उठकर खड़ा भी नहीं हो सकता. इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि अंदर क्या हाल होगा.’

गर्भवती महिला भीड़ देख डरी
पटना से दिल्ली अपने भाई के साथ जा रही एक गर्भवती महिला ने बताया, ‘मैं एक महीने की गर्भवती हूं. अपने भाई के सम्पूर्ण क्रांति से दिल्ली जाने के लिए राजेंद्र नगर टर्मिनल पहुंची. यहां भीड़ देख मेरा सर चकरा गया. रिजर्वेशन होने के बावजूद भी मैं नहीं जा पा रही हूं. इतनी भीड़ में अंदर घुसना ही नामुमकिन है. अगर मैं किसी तरह घुस भी जाऊं तो जिंदा नहीं बचूंगी’

एसी बोगी के लिए हर गेट पर पुलिस 
हालांकि एसी बोगी में भीड़ न घुसे, इसके लिए हर गेट पर पुलिस के जवान तैनात थे. बिना रिजर्वेशन वाले यात्रियों को अंदर जाने की अनुमति नहीं थी. इसके बावजूद भी कुछ लोग चकमा देकर अंदर घुसते हुए दिखाई दिए. कुल मिलाकर, स्थिति बेकाबू हो गई है, और ऐसी स्थिति कभी भी बड़ी दुर्घटना को निमंत्रण दे सकती है. अभी महाकुंभ में कई शाही स्नान होने वाली है. इसीलिए भीड़ नियंत्रण के लिए रेलवे को कड़ा कदम उठाना पड़ेगा.

Location :

Patna,Patna,Bihar

First Published :

January 29, 2025, 08:08 IST

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