कांसा घास के फायदे.
छतरपुर: मध्य प्रदेश में ही नहीं, देश के कई राज्यों में बरसात के दिनों में कांसा का पौधा खेत-खलियान के आसपास बड़ी मात्रा में उग आता है. यूं तो ये जंगली घास है, लेकिन इसके फायदे बेमिसाल हैं. जानवर ही नहीं, ये इंसानों के लिए बहुत उपयोगी है. कांसा को मौसम विभाग भी कहा जाता है. क्योंकि, कांसे के पौधे पर जब सफेद फूल निकल आते हैं, तो इसका मतलब माना जाता है कि अब बारिश का मौसम खत्म हो रहा है. मान्यताओं के अनुसार, त्रेता युग में प्रभु श्रीराम ने कांसे के फूल का जिक्र किया है.
यही नहीं, रामचरितमानस में गोस्वामी तुलसीदास ने भी कांसे के फूल की महिमा का बखान किया है. छतरपुर के किसान कमलेश सोनी ने लोकल 18 को बताया कि कांसा एक ऐसा चारा है जो बहु उपयोगी है. क्योंकि यह सिर्फ जानवर के काम ही नहीं आता, बल्कि लोगों के जन्म से लेकर शादी और मरण तक में काम आता है. सबसे खास बात ये कि सालों से इस चारे का उपयोग खटिया-टोकरी बुनने में हो रहा है. आज भी गांव में बहुत से लोग इसी चारे से खटिया और टोकरी बुनते हैं.
जानवर भी खाते हैं
किसान कमलेश के मुताबिक, चारा जब छोटा होता है यानी घास जैसा जब तक इसको जानवर खाते हैं. इसके बाद बड़ा होने और इसमें फूल आने पर जानवर इसे नहीं खाते. इसके अलावा जब यह सूख जाता है, तब भी जानवरों को खिलाया जा सकता है.
ऐसे बनती है रेशा
किसान ने बताया कि सबसे पहले इस चारे को खेत से काटकर लाया जाता है. फिर इसको कूटा जाता है. इसके बाद इसे पानी में डुबोकर रखा जाता है. जब यह मुलायम हो जाता है तब इसको पानी से निकाल लिया जाता है. इसके बाद ढ्यारा (जिससे चारे का रेशा बनाया जाता है) से इसका रेशा बनाया जाता है. इसके बाद यह खटिया बुनने लायक बन जाता है. फिर इससे खटिया बुन सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED :
September 24, 2024, 23:34 IST