Last Updated:February 03, 2025, 13:13 IST
Udaipur News: शहर के एक टीबी अस्पताल में एक ऐसा मामला सामने आया, जिसे देखकर डॉक्टर भी हैरान रह गए. डॉक्टरों की टीम ने युवक की खांसी के कारणों की जांच शुरू की और एक्सरे की सहायता से उसकी छाती में एक पिन जैसी वस्...और पढ़ें
पिन
हाइलाइट्स
- युवक की श्वसन नली में फंसी 2.2 इंच लंबी थंब पिन.
- डॉक्टरों ने 20 मिनट में सुरक्षित तरीके से पिन निकाली.
- युवक की स्थिति अब सामान्य, डॉक्टरों की कुशलता की मिसाल.
उदयपुर:- शहर के टीबी अस्पताल में एक अनूठा और चौंकाने वाला मामला सामने आया, जहां एक युवक की श्वसन नली (सांस की नली) में 2.2 इंच लंबी थंब पिन फंस गई. यह पिन युवक के श्वसन नली में घुस गई थी, लेकिन डॉक्टरों ने उसे 20 मिनट में ही सुरक्षित तरीके से निकाल लिया. बता दें, कि 22 वर्षीय युवक गुरुवार को अस्पताल पहुंचा और बताया कि वह बुधवार को ठोकर लगने के बाद मुंह के बल गिर गया था. हालांकि उसे गिरने से कोई गंभीर चोट नहीं आई, लेकिन इसके बाद उसे लगातार खांसी आ रही थी. उसे इस बात का कोई एहसास नहीं था, कि गिरने के बाद उसकी श्वसन नली में एक थंब पिन फंस गई थी.
इस तरह का पहला था मामला
टीबी अस्पताल के अधीक्षक डॉ. मनोज आर्य के अनुसार, डॉक्टरों की टीम ने युवक की खांसी के कारणों की जांच शुरू की और एक्सरे की सहायता से उसकी छाती में एक पिन जैसी वस्तु की पहचान की. यह देखकर डॉक्टर भी हैरान रह गए क्योंकि यह मामला अपनी तरह का पहला था. फिर जांच में पिन के स्थान की पुष्टि के लिए सीटी स्कैन किया गया, जिसमें पता चला कि पिन दाहिने फेफड़े की श्वसन नली (ब्रोंकस इंटरमीडियस) में अटकी हुई थी. इसके बाद डॉक्टरों ने पिन को निकालने के लिए वीडियो फाइबर ऑप्टिक ब्रोंकोस्कॉपी का इस्तेमाल किया. इस प्रक्रिया में एलिगेटर फोरसेप्स नामक उपकरण का इस्तेमाल कर पिन को पकड़ा और उसे मुंह के रास्ते बाहर निकाला गया. यह पूरी प्रक्रिया मात्र 20 मिनट में सफलतापूर्वक पूरी हो गई.
युवक को नहीं आई गंभीर चोट
डॉक्टरों ने बताया कि पिन की नोब श्वसन नली में मौजूद खाली स्थान में फंसी हुई थी, जिससे युवक को किसी प्रकार की घातक चोट नहीं आई. यदि युवक समय पर अस्पताल नहीं पहुंचता और पिन नहीं निकाली जाती, तो उसकी स्थिति गंभीर हो सकती थी. इस जटिल चिकित्सा प्रक्रिया में डॉ. मनोज आर्य के साथ डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव, डॉ. प्रकाश बिश्नोई, डॉ. संजू चौधरी, डॉ. अनंत वर्मा और अन्य रेजिडेंट डॉक्टरों की टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इलाज के बाद युवक पूरी तरह से स्वस्थ है और उसकी स्थिति अब सामान्य है. यह मामला डॉक्टरों की कुशलता और तीव्र चिकित्सा ध्यान की मिसाल पेश करता है, जिससे एक युवक की जान बचाई जा सकी.
Location :
Udaipur,Rajasthan
First Published :
February 03, 2025, 13:13 IST