Agency:News18 Uttar Pradesh
Last Updated:February 12, 2025, 12:12 IST
Sultanpur News: सुल्तानपुर के दुबेपुर गांव में 100 साल पहले ही अंग्रेजों की सरकार में जल जीवन मिशन जैसा प्लान बन चुका था. यहां पर जगह-जगह अंग्रेजों द्वारा पानी की टंकी बनाई गई और पानी की सप्लाई के लिए लोहे की प...और पढ़ें
अंग्रेजों द्वारा ईंट से निर्मित पानी की टंकी
हाइलाइट्स
- दुबेपुर गांव में 100 साल पुरानी जल प्रबंधन व्यवस्था है.
- पानी की टंकियां और पाइपें अब खंडहर में तब्दील हो चुकी हैं.
- स्थानीय लोग ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण की मांग कर रहे हैं.
सुल्तानपुर: पूरे भारत में इस समय जल जीवन मिशन के तहत ‘हर घर जल, हर घर नल’ पहुंचाने का सरकार का लक्ष्य है.ऐसे में आज हम आपको बताने वाले हैं उत्तर प्रदेश के एक ऐसे गांव के बारे में जहां जल जीवन मिशन जैसा प्लान 100 साल पहले ही अंग्रेजी सरकार में तैयार किया गया था. जी हां हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले के दुबेपुर गांव की, जहां पर अंग्रेजों द्वारा बनाई गई पानी की टंकी और अंडरग्राउंड वॉटर सप्लाई के तहत बिछाई गई पाइपें आज भी साक्ष्य के रूप में मौजूद हैं.यहां पर दूर-दूर से लोग इसे देखने के लिए आते हैं.
कृषोन्नति पर था यह गांव
दुबेपुर गांव के रहने वाले अरविंद कुमार वर्मा ने लोकल 18 से बातचीत के दौरान बताया कि हमारा यह गांव दुबेपुर लगभग 100 साल पहले से ही कृषि के क्षेत्र में अग्रणी रहा है. इसका कारण यह है कि यहां पर जगह-जगह अंग्रेजों द्वारा पानी की टंकी बनाई गई और पानी की सप्लाई के लिए लोहे की पाइपें जमीन के नीचे से बिछाई गई थी जिससे खेतों में सिंचाई आसानी से हो पाती थी.
टंकी के बगल बनाए गए कुएं
स्थानीय लोगों के मुताबिक साल 1920-25 के बीच अंग्रेजी सरकार द्वारा जल प्रबंधन की व्यवस्था की गई थी इसके लिए जगह-जगह पर ईंट के पिलर वाली पानी की टंकी बनाई गई और प्रत्येक टंकी के बगल चौड़े आकार वाले कुएं खोदे गए. ऐसा माना जाता है कि लगभग 40 फीट ऊंची इन पानी की टंकियों में पानी, बैल का कोल्हू बनाकर चढ़ाया जाता था. क्योंकि पानी की सप्लाई दूर तक की जा सके इसलिए टंकियां की ऊंचाई अधिक रखी जाती थी.
खंडहर में हो चुका है तब्दील
लोकल 18 की टीम जब इस गांव पहुंची तब प्रदर्शित हुआ कि पानी की टंकियां काफी मजबूत ईटों से बनाई गई थी लेकिन रख रखाव और संरक्षण के अभाव में यह खंडहर में तब्दील हो चुकी हैं और आज इसका प्रयोग भी बंद हो चुका है. स्थानीय लोगों ने सरकार से गुहार लगाई है कि दुबेपुर गांव में मौजूद इन ऐतिहासिक जल प्रबंधन वाली धरोहरों को संरक्षित और सुरक्षित किया जाए ताकि इतिहास को जिंदा रखा जा सके.
Location :
Sultanpur,Uttar Pradesh
First Published :
February 12, 2025, 12:12 IST
यूपी के इस गांव में 100 साल पहले ही बन चुका था जल जीवन मिशन जैसा प्लान