कभी सुनी है बाघ-बाघिन की प्रेम कहानी...भारत का ये टाइगर रिजर्व है गवाह

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Agency:News18 Jharkhand

Last Updated:February 12, 2025, 14:01 IST

Unique Love Story: 90 के दशक में बेगम और नवाब की प्रेम कहानी पीटीआर में प्रसिद्ध थी. जब उनका दहाड़ होता था तो पूरा बेतला थर्रा उठता था. पूरे इलाके में नवाब बाघ और बेगम बाघिन का दबदबा था.आइए जानते हैं एक बाघ और ...और पढ़ें

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प्रतीकात्मक

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हाइलाइट्स

  • बेगम और नवाब की प्रेम कहानी पीटीआर में प्रसिद्ध थी.
  • बेगम ने 10 शावकों को जन्म दिया.
  • बेगम की मौत फूड पॉइजनिंग से हुई.

Animal Love Story: यूं तो आपने प्रेम के कई किस्से कहानी सुने होंगे मगर आज हम आपको एक बाघ और बाघिन की प्रेम कहानी सुनाने जा रहे हैं. जो कि आज भी पलामू टाइगर रिजर्व के जंगलों में यादों के रूप में कैद है.

दरअसल, ये कहानी 90 के दशक में शुरू होती है जहां पलामू टाइगर रिजर्व की शुरुआत के बाद यहां एक बेतला बाघिन रहा करती थी. जो कि रोड नंबर 2 और 3 के पहाड़ी की गुफा में रहती थी. ये बाघिन बूढ़ी हो गई थी.जिस कारण 1977- 78 में उसकी मृत्यु हो जाती है. जिसके बाद कुछ सालों के लिए बेतला खाली और वीरान हो जाता है. तभी 1980 के आस पास एक खबर आती है. जहां सेंदु केड के आस पास एक बाघ की इंट्री होती है. जिसके साथ एक मादा बाघ की भी एंट्री होती है.

10 बच्चों को बेगम ने दिया था जन्म
वाइल्ड लाइफ के जानकर डा० डी एस श्रीवास्तव ने लोकल18 को बताया कि ये जानकारी मिलने के बाद वन विभाग में खुशी की लहर दौड़ पड़ती है. जिसके बाद पता चलता है कि बाघ और बाघिन साथ में विचरण कर रहे हैं. जहां से इनकी जोड़ी और प्यार का इलाके में चर्चा होने लगी. दोनों की एंट्री सिद्दू केड़ के पास से हुई क्योंकि वहां एक चिकन नेक का भाग है. जो कि गाड़ीगांव से बेतला की ओर पड़ता है.वहां से पलामू टाइगर रिजर्व में जंगली जानवर आते है.वहीं से बाघिन की भी एंट्री हुई.

दोनों का हुआ नामांकरण
आगे कहा कि जब बाघ और बाघिन को साथ में देखा गया तब उनका नामांकरण किया गया. उस समय तत्कालीन रेंज ऑफिसर संगम लाहिरी ने बाघ का नाम नवाब और बाघिन का नाम बेगम रखा.दोनों दिखने में बेहद शानदार और खूबसूरत थे.जिसके बाद उनकी प्रेम कहानी पलामू टाइगर रिजर्व में चर्चा में शामिल हुई.पहले बार में बेगम बाघिन में चार बच्चों को जन्म दिया. जिसके बाद दूसरे बार में दो बच्चों को, तीसरे बार में भी दो बच्चे और चौथे बार में भी दो बच्चों को जन्म दिया.बेगम बाघिन बेतला नेशनल पार्क के रोड नंबर 3 में स्थित भलही पहाड़ी को अपना आशियाना बनाई थी.

फूड पॉइजनिंग से बेगम की मौत
उन्होंने कहा कि 1992- 93 तक बेगम बाघिन ने कुल 10 शावकों को जन्म दिया. जिसके बाद एक ऐसी घटना होती है.जिससे उनकी प्रेम कहानी का अंत हो जाता है.1993- 94 में बेतला नेशनल पार्क से बेगम का शव बरामद होता है.जो कि फूड पॉइजनिंग की वजह से उसकी मौत हो जाती है.उन्होंने बताया कि बेगम अपने बच्चे के साथ शिकार पर निकलती है.जहां वो एक बछड़े का शिकार करती है.जिसपर ग्रामीणों ने जहर डाला होता है.इस वजह से बेगम की मौत हो जाती है.दो दिनों में पता चलता है कि बेगम की मौत हो गई है.जहां से उसके दो बच्चे भी बरामद होते है.जिन्हें बाद में बेतला में रखा जाता है.जिसमें एक शावक की मौत कुछ दिन बाद हो गई.वहीं दूसरी शावक रानी बाघिन बनी.

10 सालों तक चला प्रेम कहानी

आगे कहा कि उनकी प्रेम कहानी बेतला के जंगलों में दस सालों तक बेहद प्रसिद्ध रहा. वहीं नवाब उसी जंगल में सैर करता रहा.जिसे बाद में उसका बेटा चैलेंज कर भगा देता है.और इस तरह उनकी प्रेम कहानी का अंत हो जाता है.जिसके बाद रानी बाघिन बेतला में निवास करने लगी.बेगम बाघिन ने सभी बच्चों को शिकार करना सिखाया था.जिसके साथ सभी बच्चे इलाके छोड़ कर चले गए.वहीं रानी बाघिन बेतला में रहने लगी.जिसका शव 2020 बेतला नेशनल पार्क के इलाके में मिला था.

Location :

Palamu,Jharkhand

First Published :

February 12, 2025, 14:01 IST

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