पीलीभीत: शारदा नदी को भारत के तमाम इलाकों के लिए प्राणदायिनी माना जाता है. लेकिन यही शारदा बाढ़ के दौरान तबाही का मंजर भी दिखाती है. लेकिन पीलीभीत के ट्रांस शारदा में तो आलम यह है कि बरसात से सर्दी आ जाने के बाद भी लोग शारदा को पार कर जिला मुख्यालय आने के लिए नाव पर निर्भर हैं. बरसात में हटाए गए पैंटून पुल को दोबारा शुरु कराए जाने की नियत तिथि के बाद भी हालात जस के तस हैं. वैसे तो इस इलाके में पैंटून पुल के स्थान पर स्थाई पुल भी स्वीकृत हो चुका है, लेकिन लंबा अरसा बीत जाने के बाद भी मामला ठंडे बस्ते में है.
पीलीभीत जिले की आबादी का एक बड़ा हिस्सा शारदा नदी के किनारे बसा है. शारदा नदी के पार भी तकरीबन 1 लाख से अधिक आबादी बसी है. इस इलाके की आबादी के पास जिला मुख्यालय पहुंचने के लिए दो विकल्प होते हैं. पहला शारदा नदी पर बने पुल से आवागमन या फिर खीरी जिले के पलिया कस्बे के रास्ते सड़क मार्ग से . लेकिन सड़क मार्ग पुल की अपेक्षा अधिक लंबा पड़ता है. ऐसे में अधिकांश लोग पैंटून पुल से आवागमन का विकल्प चुनते हैं. पहाड़ों पर बारिश के चलते शारदा नदी का जलस्तर उफान पर रहता है. लगभग हर साल नदी से सटे इलाकों में बाढ़ का दंश देखने को मिलता है. इसी को देखते हुए पैंटून पुल को हटा दिया जाता है. हर साल की तरह इस बार भी 15 जून को यह पुल पूरी तरह से हटा दिया गया था. शासन के निर्देशों के अनुसार इस पुल को 15 अक्टूबर को दोबारा से सुचारु कर दिया जाना था लेकिन नियत तिथि से एक माह से भी अधिक बीत जाने के बाद भी लोग नाव के सहारे ही शारदा को पार कर रहे हैं.
नदी का जलस्तर बन रहा बाधा
वैसे तो शासन के निर्देशों के बाद से ही जिम्मेदार पैंटूल पुल को 15 अक्टूबर से सुचारु करने की तैयारियों में जुटे हुए हैं. इसको लेकर पैंटून बनाकर तैयार कर रख दिये हैं. लेकिन पुल को बनाने में शारदा नदी का अब तक बढ़ा जलस्तर बाधा बन रहा है. हाल फिलहाल ट्रांस शारदा इलाके के लोग कब तक नाव के सहारे आवागमन करेंगे यह एक अहम सवाल है.
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FIRST PUBLISHED :
November 25, 2024, 07:22 IST