Agency:News18 Uttar Pradesh
Last Updated:February 03, 2025, 13:09 IST
Shahjahanpur: खरपतवार की तरह उगने वाला फल, बहुत से औषधीय गुणों को खुद में समेटे हुए है. इसके फल से लेकर पत्तियों तक का इस्तेमाल कई रोगों से निजात पाने में किया जाता है.
मकोय
हाइलाइट्स
- मकोय फल में कई औषधीय गुण होते हैं.
- मकोय मधुमेह और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है.
- मकोय की पत्तियों का काढ़ा पाचन तंत्र को मजबूत करता है.
शाहजहांपुर: जंगली फल मकोय, जिसे रसभरी के नाम से भी जानते हैं, सड़क किनारे और खेतों में खरपतवार के तौर पर उग आता है. हालांकि ये जंगली फल औषधीय गुणों से भरपूर होता है. मकोय बेड कोलेस्ट्रॉल को कम करने और मधुमेह को नियंत्रित करने में कारगर है. इसके अलावा, यह सफेद दाग को त्वचा से मिटाने के लिए भी प्रभावी है. वैसे तो मकोय की पहचान खरपतवार के तौर पर ही होती है, लेकिन किसान इसकी फसल भी उगाते हैं.
किसानों की अच्छी कमाई होती है
मकोय की खेती से किसानों को अच्छी कमाई होती है, क्योंकि इसका फल अवल की तरह तीखा और मीठा होता है. इसके फल के अंदर टमाटर के बीज की तरह बीज होते हैं. कृषि विज्ञान केंद्र, नियामतपुर में तैनात गृह विज्ञान की एक्सपर्ट डॉ. विद्या गुप्ता ने बताया कि मकोय में विटामिन सी, फोलिक एसिड, कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन, विटामिन ए सहित कई पोषक तत्व पाए जाते हैं.
इन रोगों में असरदार
इसमें पाया जाने वाला कैरोटीन एंटीऑक्सीडेंट के तौर पर काम करता है. मकोय हाई ब्लड प्रेशर और हृदय रोग के लिए कारगर दवा है. इतना ही नहीं, इसमें मौजूद फाइबर की वजह से यह पेट के लिए भी बेहद फायदेमंद होता है. मकोय की पत्तियों का लेप बनाकर सफेद दाग पर लगाने से राहत मिलती है. मकोय के फल का चूर्ण बनाकर खाने से खांसी, हिचकी और सांस से संबंधित बीमारियों में भी आराम मिलता है.
डाइजेशन के लिए भी बढ़िया
मकोय की पत्तियों का काढ़ा बनाकर पीने से पाचन तंत्र मजबूत होता है और भूख भी बढ़ती है. यह बवासीर जैसी गंभीर बीमारी में भी लाभ देता है. इसके अलावा, इसकी पत्तियों का काढ़ा शरीर के अंदर की सूजन को दूर करता है. लीवर की सूजन और मधुमेह को नियंत्रित करता है. साथ ही, यह बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल को भी नियंत्रित करता है.
Location :
Shahjahanpur,Uttar Pradesh
First Published :
February 03, 2025, 13:09 IST