हिंदू धर्म में शनि ग्रह को बेहद महत्वपूर्ण माना गया है, कहा जाता है कि शनि की दृष्टि हर व्यक्ति की किस्मत में बहुत असर डालती है। अगर आपके कुंडली में शनि शुभ है तो दशा और अंतर्दशा में ये आपको अच्छे रिजल्ट देगा। वहीं, अगर आपके कुंडली में शनि प्रतिकूल हैं तो फिर आपको जीवन में बहुत परेशानियां आती रहेगी। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, कुंडली के अलग-अलग भावों में शनि का प्रभाव भी अलग-अलग होता है। वहीं, कुछ ऐसे संकेत भी हैं जो बिना कुंडली देखे बताते हैं कि शनि की कृपा आप पर बनी हुई, आज इन्हीं संकेतों के बारे में आपको यहां जानकारी देंगे।
होती हैं 3 दृष्टियां
शनि की तीन दृष्टियां होती हैं तृतीय, सप्तम और दशम। इन तीनों में शनि की तृतीय दृष्टि को सबसे प्रतिकूल माना जाता है। हालांकि शनि अगर कुंडली में कारक हैं या उच्च के हैं तो बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है। वहीं सप्तम और दशम दृष्टि कुंडली में शनि के शुभ होने पर पारिवारिक जीवन और करियर में भी सफलता दिलाती है। आइए अब जान लेते हैं कि, शनि अगर आपकी कुंडली में शुभ स्थिति में हैं तो कैसे संकेत आपको मिल सकते हैं।
क्या होते हैं ये संकेत
शनि अगर कुंडली में मजबूत है तो उसकी दशा-प्रत्यंतरदशा-अंतर्दशा में आपको शुभ परिणाम मिलेंगे। अगर आपके आसपास ऐसे व्यवहार वाले व्यक्ति मिले जाएं तो आप समझ जाएं कि इनकी कुंडली में शनि मजबूत हैं।
- यह व्यक्ति व्यक्ति जमीन से जुड़ा रहेगा और सभी के साथ अच्छा व्यवहार करेगा।
- अपने अधीनस्थों से दोस्ती रखेगा और करियर में भी कोई बड़ी परेशानी नहीं आएगी।
- इसके साथ ही शुभ शनि व्यक्ति को मेहनती और ईमानदार भी बनाता है।
- ऐसे लोग अन्याय के खिलाफ आवाज उठाते हैं और किसी भी तरह के भेदभाव को पसंद नहीं करते। मजबूत शनि के होने से व्यक्ति धीमी गति से ही सही लेकिन सफलता के शिखर पर पहुंचता जरूर है।
- ऐसे लोगों में घमंड, दिखावा देखने को नहीं मिलता।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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