रणथंबौर टाइगर रिजर्व के 77 में से 25 बाघ गायब...PTR में मचा हड़कंप!

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सांकेतिक फोटो.सांकेतिक फोटो.

पीलीभीत . बीते दिनों राजस्थान के रणथंबौर टाइगर रिजर्व से 25 बाघों के लापता होने की खबर आई है. गौरतलब है कि रणथंभौर टाइगर रिज़र्व में 77 बाघ हैं. 77 से 25 बाघ के लापता होने के बाद जांच के लिए एक कमेटी बनाई गई है. आख़िर टाइगर रिजर्व से 25 बाघ कब और कैसे लापता हो गए? इसी बीच कमेटी गठित होने के अगले ही दिन विभाग को 10 बाघ मिल भी गए. हालांकि मामला अभी राजस्थान में गर्म है इस बीच पीलीभीत टाइगर रिजर्व में भी बाघों की निगरानी बढ़ाई जाएगी. संवेदनशील इलाकों में सक्रियता बढ़ाने को लेकर सभी रेंजों को इससे संबंधित निर्देश भी दिए गए हैं. आपको बता दें कि पीलीभीत टाइगर रिजर्व उत्तराखंड के साथ ही साथ पड़ोसी देश नेपाल से भी सीमा साझा करता है. ऐसें में सुरक्षा के लिहाज से पीलीभीत टाइगर रिजर्व अधिक संवेदनशील माना जाता है.

दरअसल, पीलीभीत टाइगर रिजर्व के लगभग 720 वर्गकिलोमीटर के घने जंगलों को कुल 5 रेंज में बांटा गया है. जिसमें माला, महोफ, बाराही, हरिपुर और द्यूरिया रेंज शामिल हैं. पीलीभीत की बाराही रेंज पड़ोसी देश नेपाल की शुक्लाफांटा सेंचुरी तो वहीं महोफ रेंज उत्तराखंड की सुरई रेंज से सीमा साझा करती है. अन्य दो रेंज हरिपुर व दियोरिया की बात करें तो यह दोनों रेंज लखीमपुर और शाहजहांपुर जिलों से सीमा साझा करते हैं.

पीलीभीत में निगरानी बढ़ाने के निर्देश
अगर बाराही और महोफ रेंज की बात करें तो यह दोनों ही रेंज वन अपराध के लिहाज से संवेदनशील माने जाते हैं. पीलीभीत टाइगर रिजर्व में पूर्व में भी वन अपराध से जुड़े मामले प्रकाश में आते रहे हैं. राजस्थान के रणथंबौर से एकाएक 25 बाघों के गायब हो जाने से हड़कंप मच गया है. ऐसे में पीलीभीत टाइगर रिजर्व प्रशासन ने भी सभी रेंज अधिकारियों को अपने अपने वन क्षेत्रों में गश्त और निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं.

3 दिन में 2 बार हुई थी आपराधिक वारदात
वैसे तो पीलीभीत टाइगर रिजर्व एक संरक्षित वन क्षेत्र है. जहां पर्यटक, वनकर्मियों व अनुमति प्राप्त वयक्तियों के अलावा कोई भी प्रवेश नहीं कर सकता. बावजूद इसके बीते महीनों में शहर से लगभग 15 किमी. दूर व माला रेंज कार्यालय के महज 2-3 किमी. दूर शिकारियों ने चीतल का शिकार किया. इतना ही नहीं शिकारी एक वनकर्मी से मुठभेड़ होने पर उसका सरकारी असलहा भी छीन कर फरार हुआ था. इतनी बड़ी घटना को अंजाम देने के बाद भी अपराधियों के हौंसले इतने बुलंद थे कि ठीक दो दिन बाद ही शिकारी एक बार फिर से उसी स्थान पर शिकार की घटना को अंजाम देने पहुंच गए थे. हांलांकि पुलिस ने मुठभेड़ कर शिकारियों को गिरफ्तार कर लिया था. पूरे मामले पर अधिक जानकारी देते हुए पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि सभी रेंज में निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं.

Tags: Local18, Pilibhit news, Ranthambore tiger reserve, Tiger reserve news, Uttar Pradesh News Hindi

FIRST PUBLISHED :

November 21, 2024, 12:39 IST

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