रतन टाटा ने पटना एयरपोर्ट पर क्या किया जब थोड़ी देर के लिए सब रह गए हैरान

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हाइलाइट्स

अपने जीवन काल में रतन टाटा तीन बार आए थे बिहार. दादा के समय से जुड़ाव को रतन टाटा ने किया था बयां. सीएम नीतीश कुमार से चार घंटे तक चली थी मुलाकात.

पटना. भारत के प्रसिद्ध उद्योपति रतन टाटा का 9 अक्टूबर, 2024 बुधवार की देर रात देहावसान हो गया. आज भले ही वो हमारे बीच सशरीर नहीं हैं, लेकिन उनके विचार और उनके योगदान हमारे देश के आम जन जीवन में जीवित हैं. रतन टाटा के व्यक्तित्व के बारे में बात करें तो वो सिर्फ एक बिजनेसमैन ही नहीं, बल्कि एक सादगी से भरे और मानवीयता के गुणों से परिपूर्ण थे. वो देश के लिए हमेशा आदर्श और प्रेरणास्रोत रहेंगे. खास बात यह कि देश पर जब भी मुसीबत आया, वह सदैव मदद के लिए आगे आए. टाटा ग्रुप और रतन टाटा का तो बिहार से दिल का रिश्ता रहा है. स्वर्गीय रतन टाटा का पटना से भी गहरा नाता था और वह तीन बार पटना आए थे. उनसे जुड़ा एक किस्सा भी अब याद आ रहा है जब पटना एयरपोर्ट पर उन्होंने कुछ ऐसा किया जो लोग हैरान रह गए थे. इसके पहले जानते हैं कि टाटा ग्रुप का बिहार से कितना गहरा नाता रहा है.

सबसे पहली बात तो यह कि जब टाटा स्टील की स्थापना 26 अगस्त, 1907 की गई तो इसके लिए जमशेदपुर को चुना गया था. बंगाल प्रेसिडेंसी का हिस्सा था और बिहार प्रांत में आता था. टाटा स्टील के संस्थापक जमशेदजी नूसर्वानजी टाटा थे. टाटा ग्रुप ने इस शहर को बसाया था. जमशेदजी नूसर्वानजी टाटा के नाम रखा था. वर्ष 2000 में बिहार से झारखंड अलग हुआ तो जमशेदपुर जिला झारखंड का हिस्सा बन गया.

टाटा ग्रुप ने बिहार में खुदाई की ली थी जिम्मेदारी
बता दें कि रतन जी टाटा ने सन 1912-13 में पाटलिपुत्र को खोजने के लिए आर्थिक मदद देने की जिम्मेवारी ली थी. पुरातत्व महानिदेशक से राय विचार करने के बाद रतन जी टाटा ने यह वादा किया कि वह इस खोज के लिए हर साल 20000 रुपये की सहयोग राशि देंगे. उनके इसी सहयोग के कारण भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को पाटलिपुत्र की खोज करने में मदद मिली. सर रतन जी टाटा ने इस खोज के लिए 75000 रुपए का योगदान दिया था. इसी अभियान के तहत कुम्हरार में हुई खुदाई में महान सम्राट अशोक के सभा भवन के खंभे मिले थे.

नीतीश कुमार से करीब चार घंटे हुई थी मुलाकात
इसके बाद रतन टाटा राष्ट्रीय निवेश आयोग के अध्यक्ष के रूप में सितंबर 2006 में पटना पहुंचे थे. तब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार थे. तब सीएम नीतीश कुमार के साथ उनकी 4 घंटे तक मीटिंग हुई थी. उस वक्त रतन टाटा ने कहा था कि आयोग बिहार की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है. तब उन्होंने कहा था इस बार लंबे समय के बाद पटना आया हूं.

रतन टाटा से जुड़ी दिलचस्प मेमोरी
रतन टाटा पटना आए थे तो इसपर बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के पूर्व अध्यक्ष पीके अग्रवाल ने एक याद ताजा की है जो बड़ा दिलचस्प है. दरअसल लालू प्रसाद यादव के शासनकाल में रतन टाटा जमशेदपुर से पटना आए थे. उनके साथ जेजे ईरानी जी साथ में आए थे. चेंबर की ओर से 5-6 सदस्य उनके स्वागत में पटना एयरपोर्ट गए थे.

जेजे ईरानी ने सबको दिया था चकमा
पीके अग्रवाल ने बताया कि पटना एयरपोर्ट पर हवाई जहाज के विंडो से जेजे ईरानी ने मजाकिया लहजे में कहा था रतन टाटा नहीं आए हैं. इतना सुनते ही मौके पर मौजूद सभी लोग उदास हो गए. लेकिन, थोड़ी ही देर बाद रतन टाटा हवाई जहाज से बाहर निकले. रतन टाटा जिस हवाई जहाज से उतरे थे वह सामान्य से छोटा था. हवाई अड्डा पर उतरने के बाद वे सीधे सीएम हाउस चले गए. पीके अग्रवाल ने बताया कि जेजे ईरानी चेंबर के विशेष बैठक में भाग लेने आते थे.

Tags: Bihar News, CM Nitish Kumar, PATNA NEWS, Ratan tata

FIRST PUBLISHED :

October 10, 2024, 14:44 IST

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