हाइलाइट्स
उनाकोटी भारत के त्रिपुरा राज्य के कैलाशहर जिले में स्थित है.उनाकोटी एक बंगाली शब्द है, जिसका मतलब है एक करोड़ से एक कम.
Pilgrimage Place of Unakoti : खूबसूरत जगह सभी को पसंद होती हैं और कई बार परिवार या दोस्तों के साथ कई ऐसी जगह जाना पसंद करते हैं जो हमें मानसिक शांति प्रदान करें. यह तीर्थ स्थल भी हो सकता है, लेकिन क्या आप किसी ऐसी जगह पर गए हैं जो काफी रहस्यमयी हो. ऊंची चट्टानों और घने जंगल के बीच एक ऐसा ही स्थान है उनाकोटी. यह तीर्थस्थल विशालकाय पत्थर की मूर्तियों के लिए जाना जाता है, जिन्हें चट्टानों को काटकर बनाया गया है. यह स्थान मूर्तियों के विशाल संग्रह के लिए प्रसिद्ध है, जिनकी संख्या हजारों में है. आइए जानते हैं इस रहस्यमयी तीर्थस्थल के बारे में विस्तार से भोपाल निवासी ज्योतिष आचार्य पंडित योगेश चौरे से.
इस जगह को क्यों कहा गया उनाकोटी?
उनाकोटी भारत के त्रिपुरा राज्य के कैलाशहर जिले में स्थित है. उनाकोटी एक बंगाली शब्द है, जिसका मतलब है एक करोड़ से एक कम. ऐसी मान्यता है कि यहां के पत्थरों में 99,99,999 मूर्तियां हैं. हालांकि, इनकी सही संख्या अज्ञात है. ये मूर्तियां हिंदू देवी-देवताओं, पौराणिक आकृतियों और दिव्य प्राणियों की एक सीरीज को दर्शाती हैं.
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रहस्मयी स्थान की कुछ ऐसी है कहानी
सभी मूर्तियां विशाल चट्टानों को काटकर बनी हुई प्रतीत होती हैं. इन सभी मूर्तियों के केंद्र में भगवान शिव की 30 फुट ऊंची एक विशाल मूर्ति है. इस मूर्ति को उनाकोटिश्वर काल भैरव के नाम से जाना जाता है. स्थानीय लोगों का मानना है कि ये विशालकाय मूर्तियां रातों-रात बनाई गई थीं. इसके पीछे कई कहानियां हैं.
पौराणिक कहानी
त्रिपुरा के माणिक्य राजाओं द्वारा कही गई एक कहानी के अनुसार, एक बार भगवान शिव उनाकोटी के इन्हीं जंगलों से होते हुए शिव जी काशी जा रहे थे, लेकिन रात होने पर वे यहीं रुक गए. इस दौरान उनके साथ 99,99,999 देवी-देवता भी थे. जिन्हें शिवजी ने आराम करने के बाद सूर्योदय से पहले उठने के लिए कहा. लेकिन कोई भी समय से नहीं जागा, जिसके बाद उन्हें श्राप देकर पत्थर में बदल दिया गया.
एक अन्य कहानी भी प्रचलित
इसके अलावा इस रहस्यमयी स्थान को लेकर एक अन्य कहानी भी प्रचलित है. कहानी में एक कालू नाम का शिल्पकार है जो इसी क्षेत्र में रहता था और भगवान शिव का अनन्य भक्त था. एक बार कालू ने भगवान शिव और माता पार्वती को कैलाश पर्वत की ओर जाते देखा और उनके साथ जाने की इच्छा जताई. जिसके बाद देवी पार्वती ने कालू से कहा यदि वह एक रात में शिव और उनके समूह की 1 करोड़ (एक कोटी) मूर्तियों का निर्माण करे तो ऐसा संभव हो सकता है.
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शिल्पकार ने कड़ी मेहतन की लेकिन, वह सिर्फ 99,99,999 मूर्तियां ही बना सका यानी कि 1 करोड़ में एक कम. इससे शर्त पूरी नहीं हो सकी और वह भगवान शिव और पार्वती के साथ कैलाश पर्वत नहीं जा सके.
Tags: Astrology, Lord Shiva, Religion
FIRST PUBLISHED :
October 21, 2024, 13:54 IST