MS Dhoni Ancestral Village: भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और कैप्टन कूल के नाम से मशहूर महेंद्र सिंह धोनी का पैतृक गांव उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के ल्वाली गांव में है. महेंद्र सिंह धोनी अपने पैतृक गांव 2023 में पहुंचे थे. गांव में पहुंचकर उन्होंने मंदिरों में जाकर इष्ट देवताओं की पूजा अर्चना भी की. धोनी इससे पहले भी अपने पैतृक गांव आ चुके हैं. लोकल 18 से बात करते हुए धोनी की चाची और भाई ने बताया कि साल 2003-04 में वो अपने गांव में आए हुए थे.
इसी घर में हुआ था धोनी का जनेऊ संस्कार
महेंद्र सिंह धोनी की चाची गीता धोनी ने बताया कि उनका जनेऊ संस्कार इसी घर में हुआ था. उन्हें तब बेहद खुशी हुई जब महेंद्र सिंह धोनी 20 साल के बाद अपने घर वापस आए. महेंद्र सिंह धोनी की चाची पनुली देवी ने बताया कि धोनी का जनेऊ संस्कार इसी कमरे में हुआ था. उसे वक्त हर कोई कार्यक्रम में मग्न था और काफी खुशी भी थी. उन्होंने कहा कि जब इस बार धोनी गांव आए थे, तो वह गांव में नहीं थीं पर उनके परिवार वालों की धोनी से मुलाकात हुई थी.
जनेऊ संस्कार में खाया था दाल भात
धोनी के भाई दीपक सिंह धोनी ने बताया कि धोनी और उनके बड़े भाई का जनेऊ संस्कार यही हुआ था. उसे समय धोनी रणजी खेला करते थे. उनके जनेऊ संस्कार में उन्होंने दाल, भात, पूरी और तमाम कुमाऊंनी व्यंजनों का लुफ्त उठाया था. पूरे परिवार को धोनी के सफलता पर बहुत गर्व है.
इसे भी पढ़ें – Mahendra Singh Dhoni : क्या इस वजह से धोनी की जर्सी का नंबर है 7? अल्मोड़ा के इस गांव से है कनेक्शन!
घर और जर्सी के नंबर का कनेक्शन
ल्वाली के ग्राम प्रधान दिनेश सिंह धोनी ने बताया कि धोनी की जर्सी का नंबर 7 है और उनके पैतृक गांव में मकान नंबर भी 7 है. इसी वजह से बहुत से लोग धोनी की डर्नी को उनके पैतृक गांव के घर से जोड़कर भी देखते हैं. बहुत कम लोग जानते हैं कि धोने के मुकाम को देखते हुए बीसीसीआई बोर्ड ने यह फैसला लिया है कि धोनी की जर्सी का नंबर 7 अब किसी और खिलाड़ी को नहीं मिलेगा.
Tags: Almora News, Local18, Ms dhoni
FIRST PUBLISHED :
November 27, 2024, 15:42 IST