Agency:News18 Uttar Pradesh
Last Updated:February 12, 2025, 11:32 IST
Ram Mandir Pujari Satyendra Das Death News:राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सतेंद्र दास का निधन हो गया है. वह काफी समय बीमार चल रहे थे. आचार्य सतेंद्र दास को 1992 में जब कपड़े का मंदिर बना था तब पुजारी नियुक्त क...और पढ़ें
सत्येंद्र दास
हाइलाइट्स
- राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास का निधन हुआ.
- 1992 में सत्येंद्र दास को पुजारी नियुक्त किया गया था.
- सत्येंद्र दास को मात्र ₹100 वेतन मिलता था.
अयोध्या: प्रभु राम की नगरी अयोध्या और राम मंदिर से एक दुखद खबर सामने निकल कर आ रही है. लंबे समय से बीमारी की हालत से जूझ रहे राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का आज लखनऊ के संजय गांधी अस्पताल में निधन हो गया. 87 वर्ष की आयु में आचार्य सत्येंद्र दास का आज लखनऊ में निधन हुआ है. जिसके बाद अयोध्या में शोक की लहर है. लेकिन आचार्य सत्येंद्र दास ने अपना पूरा जीवन पवन पुत्र हनुमान और प्रभु राम को समर्पित कर दिया था. राम मंदिर के बाबरी विध्वंस के बाद से राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास बने थे.
सन 1992 में जब बाबरी का विध्वंस हुआ तो उस दौरान केंद्र सरकार ने राम मंदिर परिसर को अपने अधिग्रहण में ले लिया और वहां पर एक रिसीवर की नियुक्ति कर दी. रिसीवर ने आचार्य सत्येंद्र दास को मंदिर का पुजारी बनाया. उस दौरान आचार्य सत्येंद्र दास को मात्र ₹100 पारिश्रमिक में के रूप में मिलते थे. बावजूद इसके आचार्य सत्येंद्र दास ने प्रभु राम की सेवा में कोई कमी नहीं छोड़ी. टाट से लेकर ठाट तक आचार्य सत्येंद्र दास राम मंदिर के गवाह भी रहे. लेकिन आज उनकी मृत्यु की सूचना मिलने के बाद अयोध्या में शोक की लहर है.
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि सत्येंद्र दास जी महाराज का शरीर आज शांत हो गया है. लगभग 7:00 बजे लखनऊ के पीजीआई में आचार्य सत्येंद्र दास ने अंतिम सांस ली है. चंपत राय ने बताया कि परिस्थितियों में उतार-चढ़ाव चलता रहता था. 48 घंटे पहले परिस्थितियां ज्यादा विकराल हो गई थी.
चंपत राय ने बताया कि आचार्य सत्येंद्र दास 1993 से राम मंदिर में पूजा आराधना कर रहे थे. वह हनुमानगढ़ के साधु थे. जीवनभर प्रभु राम और हनुमान जी की आराधना की. 1993 के बाद निरंतर प्रभु राम की सेवा आराधना की. अब भगवान के चरणों में उनका स्थान हो गया. उनके प्रति हम श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं.
1992 में जब ढांचा गिराया गया था. उसके बाद राम मंदिर का संपूर्ण परिसर भारत सरकार के अधिग्रहण में चला गया था. उस समय रिसीवर नियुक्त किया गया था. कपड़े का एक मंदिर तैयार था. उस समय रिसीवर ने आचार्य सत्येंद्र दास को राम मंदिर का पुजारी बनाया था. उस दौरान सत्येंद्र दास जी ₹100 पारिश्रमिक के रूप में लेते थे.
Location :
Ayodhya,Faizabad,Uttar Pradesh
First Published :
February 12, 2025, 11:32 IST