रेपो रेट कम मतलब फायदे ही फायदे, 5 प्वाइंट में समझें कैसे आपके लिए है रसगुल्ला

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Last Updated:February 07, 2025, 12:37 IST

RBI repo complaint cut: आरबीआई ने आम लोगों को बड़ी राहत दी है. आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने रेपो रेट 0.25 प्रतिशत घटाकर 6.25 प्रतिशत कर दी है. इससे होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन सस्ते होंगे, जिससे आम आदमी को राह...और पढ़ें

रेपो रेट कम मतलब फायदे ही फायदे, 5 प्वाइंट में समझें कैसे आपके लिए है रसगुल्ला

आरबीआई ने रेपो रेट 25 आधार अंक घटाया, होम से लेकर कार लोन पर ब्याज दर होगी कम

हाइलाइट्स

  • रेपो रेट 0.25% घटाकर 6.25% की गई.
  • होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन सस्ते होंगे.
  • रेपो रेट में कमी से महंगाई कंट्रोल में रहेगी.

RBI Repo Rate Cut: नए साल में आम आदमी को और क्या चाहिए. पहले इनकम टैक्स वाली राहत मिली. अब आरबीआई ने रेपो रेट घटाकर तोहफा दिया है. जी हां, आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को रेपो रेट में बदलाव किया. रेपो रेट में 25 आधार अंक या 0.25 प्रतिशत की कमी हो गई है. रेपो रेट में कमी का मतलब है कि आम आदमी को बड़ी राहत. इससे लोगों की जेब पर बोझ कम होगा. उनकी कमाई में अब ज्यादा बचत होगी. अब सवाल है कि आरबीआई के रेपो पेट वाले ऐलान के बाद सब खुश क्यों नजर आ रहे हैं.

दरअसल, रेपो रेट में कमी का सीधा असर लोन की ब्याज दरों पर होता है. इसका मतलब है कि आरबीआई के इस ऐलान से आपके होम लोन से लेकर कार लोन तक सस्ते हो जाएंगे. सबसे पहले जानते हैं कि रेपो रेट में कटौती के बाद किन-किन चीजों में राहत मिल सकती है.

  1.  होम लोन
  2.  कार लोन
  3.  पर्सनल लोन
  4. महंगाई कंट्रोल
  5.  आसानी से लोन मिल पाएंगे.

चलिए पांच प्वाइंट में रेपो रेट में कमी के असर को विस्तार से समझते हैं.

पहला- रेपो रेट में कमी से बैंकों के लोन की ब्याज दरें सस्ती हो सकती हैं. रेपो रेट में कमी से बैंकों को कम ब्याज दर पर पैसा मिलेगा. इससे वे आपको यानी ग्राहकों को भी कम ब्याज दर पर लोन दे पाएंगे. इससे होम लोन, कार लोन, और अन्य लोन की ईएमआई कम हो सकती है. अभी जितनी ईएमआई दे रहे हैं, वह इसके लागू होते ही कम हो जाएगी.

दूसरा- अगर आप अपने सपनों को पूरा करने के लिए लोन लेना चाहते हैं तो इससे आपकी राह आसान हो सकती है. रेपो रेट में कमी से बैंकों को पैसा कम ब्याज दर पर मिलेगा. इससे बैंक भी आपको अधिक लोन दे पाने की स्थिति में रहेंगे. आसानी से लोन मिलने पर आप अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं.

तीसरा- रेपो रेट में कमी से इंडस्ट्री को भी फायदा होता है.उन्हें भी कम ब्याज दर पर पैसा मिल सकेगा. इससे वे अपने उद्योग-धंधों में अधिक निवेश कर पाएंगे. इसका असर होगा कि नौकरी के अवसर बढ़ेंगे, जिसका सीधा फायदा आम आदमी को ही होगा.

चौथा- रेपो रेट में कमी से देश की तरक्की की राह भी और अधिक खुल जाती है. इससे देश के आर्थिक विकास को बढ़ावा मिल सकता है. जब लोगों को कम ब्याज दर पर लोन मिलता है तो वे ज्यादा खर्च करते हैं. इससे बाजार चलता रहता है.

पांचवां- रेपो रेट में कमी से महंगाई को कंट्रोल में रखने में भी मदद मिलती है. इससे अब कम खर्च  में ही आपका काम चल जाएगा.

चलिए अब जानते हैं आरबीआई का पूरा फैसला
रेपो रेपो में 0.25 प्रतिशत की कमी के बाद यह 6.25 प्रतिशत पर आ गई है, जो कि पहले 6.50 प्रतिशत थी. आरबीआई की ओर से बताया गया कि वित्त वर्ष 25 में खुदरा महंगाई दर 4.8 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है, जो कि चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 4.4 प्रतिशत रह सकती है. सामान्य मानसून के कारण खुदरा महंगाई वित्त वर्ष 26 में 4.2 प्रतिशत पर रह सकती है. अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में महंगाई 4.5 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 4 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 3.8 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 4.2 प्रतिशत रह सकती है.

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Delhi,Delhi,Delhi

First Published :

February 07, 2025, 12:36 IST

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