Agency:News18 Uttarakhand
Last Updated:February 03, 2025, 20:50 IST
Mulethi Benefits: बागेश्वर निवासी रमेश पर्वतीय ने लोकल 18 से बातचीत में कहा कि मुलेठी एक बेहद ही गुणकारी औषधि है, जिसका इस्तेमाल कई बीमारियों को ठीक करने में होता है. यह उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में ...और पढ़ें
मुलेठी की खासियत
बागेश्वर. उत्तराखंड के बागेश्वर में जड़ी-बूटी का अच्छा उत्पादन होता है. यहां कई प्रकार की जूड़ी-बूटियां उगाई और बेची जाती हैं. इन्हीं में से एक मुलेठी (Mulethi Benefits) भी है. मुलेठी बेहद ही गुणकारी जड़ी-बूटी है, जिसे उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में खूब उगाया जाता है. मुलेठी का साबुत और पाउडर दोनों रूप में इस्तेमाल किया जाता है. इसका सेवन सांस संबंधी बीमारियों में लाभकारी होता है. इसका सेवन दमा के मरीजों में सांस लेने की प्रक्रिया को बेहतर करता है. इसकी तासीर भी गर्म होती है.
बागेश्वर के जानकार रमेश पर्वतीय ने लोकल 18 को बताया कि मुलेठी एक बेहद ही गुणकारी औषधि है, जिसका इस्तेमाल कई बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जाता है. यह उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में उगती है. मुलेठी का पौधा झाड़ीनुमा होता है. इसका यूज कई औषधीय दवाओं को बनाने में भी किया जाता है. घरेलू तौर पर मुलेठी को सुखाकर अधिक यूज में लाया जाता है. आप रोजाना सुबह खाली पेट इसका सेवन कर सकते हैं. इससे शरीर को काफी लाभ पहुंचता है. मुलेठी का पानी पीने से इम्यूनिटी सिस्टम बूस्ट होता है. इसमें मौजूद पोषक तत्व खांसी और जुकाम में राहत दिलाने में सहायक है. इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण खांसी और जुकाम के लक्षणों को कम करने में मददगार हैं. मुलेठी गले की जलन को कम करती है. मुलेठी का चूर्ण और शहद कफ को पतला करके बाहर निकालने में मदद करता है. गले की खराश के लिए यह पेस्ट असरदार है. आयुर्वेद के साथ ही मुलेठी घरेलू उपचार में अधिक प्रयोग में लाई जाती है.
सरस मार्केट में मिल जाएगी मुलेठी
आयुर्वेद के अनुसार, मुलेठी को सुखाकर प्रयोग में लाया जाता है. यह खांसी और गले की खराश के लिए कारगर है. इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मददगार है. महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए भी मुलेठी फायदेमंद है. यह स्किन के लिए बेहद फायदेमंद है. मुलेठी एसिडिटी और अपच दूर करने में मदद करती है. यह बुखार ठीक करने में मददगार है. बागेश्वर की सरस मार्केट में मुलेठी आसानी से उपलब्ध हो जाती है. इसे उच्च हिमालयी क्षेत्रों से बागेश्वर लाया जाता है. झाड़ीनुमा पौधे से काटकर इसके तनों को सुखाकर उपयोग में लाया जाता है. तनों के उंगली के आकार के टुकड़े बनाए जाते हैं. इन टुकड़ों को पैकेट में पैक किया जाता है. इनका 50 और 100 ग्राम का पैकेज बनाकर बेचा जाता है. इसकी कीमत 50 रुपये से शुरू है.
Location :
Bageshwar,Uttarakhand
First Published :
February 03, 2025, 20:50 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.