Agency:News18 Himachal Pradesh
Last Updated:January 22, 2025, 13:30 IST
मंडी में इस बार बारिश बहुत कम रिकॉर्ड की गई. पर्यावरण प्रेमियों के अनुसार, ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि प्रकृति के साथ छेड़ छाड़ हो रही है.
सूखे की मार नहीं हो रही बरिश
मंडी. जिले में इस बार मौसम और बारिश में कई बदलाव आए हैं और बारिश बहुत कम रिकॉर्ड की गई है. कुछ साल पहले नियमित रूप से चार से पांच दिनों तक लगातार बारिश हो जाती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं है और मामूली बारिश अब तक जिला में हुई है.
पर्यावरण प्रेमियों के अनुसार, यह इसलिए भी हो रहा है कि जिले में कई जगह फोरलेन निर्माण कार्य हो रहा है. लंबी और चौड़ी सड़कों को बनाने के लिए प्रकृति के साथ छेड़ छाड़ हो रही है, इसलिए मौसम में बदलाव नजर आ रहा है. मंडी के स्थानीय निवासी और देवभूमि पर्यावरण बचाओ समिति के अध्यक्ष नरेंद्र सैनी के अनुसार, पहले जब प्रकृति के साथ छेड़ छाड़ नहीं होती थी तो सामान्य रूप से बारिश हो जाती थी, लेकिन अब ऐसा बिल्कुल नहीं है. सैनी के अनुसार जब से जिला में फोरलेन कार्य शुरू हुआ है तो पहाड़ों को खोखला किया जा रहा है. साथ ही काफी हद तक डिफॉरेस्टेन भी हो रही है. इससे यह सब रिकॉर्ड किया जा रहा है और इससे मौसम में बदलाव सा हो गया है जो एक चिंता का विषय है.
बारिश-बर्फबारी दोनों कम
लोकल 18 की टीम से बातचीत करते हुए नरेंद्र सैनी ने बताया कि चार पांच साल पहले मंडी में सर्दियों में बारिश की झड़ी सी लग जाती थी और ऊंचाई के क्षेत्रों में बहुत ज्यादा हिमपात होता था, लेकिन अब ऐसा बिल्कुल नहीं है और बारिश न के बराबर हो रही है. बर्फ भी इस बार बहुत कम रिकॉर्ड हुई है.यह सब प्रकृति के साथ छेड़ छाड़ का ही एक मात्र नतीजा है.
साल भर होती है बहुत सी रैली
नरेंद्र सैनी के अनुसार जिले भर में साल भर पर्यावरण प्रेमियों की ओर से कई जागरूकता रैली भी निकाली जाती है, लेकिन बहुत कम लोग इस चीज को समझ पाते हैं कि अगर प्रकृति के साथ छेड़ छाड़ होगी तो भविष्य में कई त्रासदियों का सामना करना पड़ेगा.
Location :
Mandi,Himachal Pradesh
First Published :
January 22, 2025, 13:30 IST