उज्जैनः भारत विविधताओं का देश है, जहां अलग-अलग मान्यताएं और धारणा हैं. ऐसे में आपको कई जगहों पर अनोखे रीति-रिवाज और पंरपराओं की खबरें मिलती रही होंगी. ऐसी ही एक अनोखी परंपरा देखने को मिला मध्य प्रदेश के उज्जैन से. इस शादी में न दूल्हा कोई युवक था और न ही दुल्हन कोई युवती. बल्कि, दूल्हा बना ‘तेज’ नामक नंदी और दुल्हन बनी ‘पेमल रानी’ नाम की एक गाय. यह अनूठा आयोजन मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में स्थित विष्णु पुराण तेजाजी धाम मंदिर में हुआ, जिसे देखने के लिए सैकड़ों लोग इकट्ठा हुए.
डॉ. भवानी शंकर शास्त्री, आयोजनकर्ता ने बताया कि उज्जैन को धार्मिक आयोजनों का शहर माना जाता है और इसी श्रृंखला में यहां गाय और नदी का विवाह संपन्न हुआ. हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार, जैसे आम लोगों की शादियां होती हैं, वैसे ही इस शादी में भी सारे आयोजन किए गए. शादी के कार्यक्रम की शुरुआत सुबह हुई, जिसमें मेहंदी और तेल की रस्में निभाई गईं. इसके बाद ढोल-धमाके, डीजे और घोड़े के साथ शानदार बारात निकाली गई.
बारातियों का स्वागत पेमल रानी के माता-पिता, शुक्ला परिवार ने फूलों की वर्षा के साथ किया. शाम को हिंदू परंपराओं के अनुसार गाय और नदी के विवाह के सात फेरे लिए गए, पग पूजन हुआ, कन्यादान किया गया, मंगलसूत्र पहनाया गया और मांग भरी गई. महेंद्र सिंह चौहान, श्रद्धालु ने बताया कि यह एक दुर्लभ आयोजन है. मैंने अपने जीवन में कभी ऐसी शादी नहीं देखी है। माना जाता है कि गाय और नदी का विवाह कराने से व्यक्ति की दस पीढ़ी आगे और दस पीढ़ी पीछे स्वर्ग में स्थापित होती हैं.
विवाह के बाद पेमल रानी की विदाई की रस्म हुई, और इसके बाद (रिसेप्शन) का आयोजन किया गया. इस शादी में उज्जैन के लोगों के अलावा आसपास के जिलों से भी श्रद्धालु शामिल हुए और इस अनूठी शादी को देखकर अचंभित रह गए.
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FIRST PUBLISHED :
September 23, 2024, 09:55 IST