शिमला की इस इमारत में तैयार हुई दोनों विश्व युद्धों की रणनीति! अब होता है ये..

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Agency:News18 Himachal Pradesh

Last Updated:January 24, 2025, 13:37 IST

Shimla Historic Monuments : शिमला में एक ऐसी इमारत है जो अपने आप में विश्व का सबसे महत्वपूर्ण इतिहास संजोए है. यह इमारत ब्रिटिश भारतीय सेना द्वारा बनाई गई दोनों विश्वयुद्ध की रणनीति की गवाह रही है. वहीं, आजादी ...और पढ़ें

शिमला की इस इमारत में तैयार हुई दोनों विश्व युद्धों की रणनीति! अब होता है ये..

शिमला की इस इमारत में तैयार हुई दो विश्वयुद्ध और भारत पाकिस्तान युद्ध की रणनीति

शिमला. ब्रिटिश शासन के दौरान शिमला को 1864 में भारत की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया गया था. ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाए जाने के बाद शिमला में कई महत्वपूर्ण भवनों का निर्माण हुआ, जिसमें देश के विभिन्न मुख्यालय और बड़े दफ्तरों को स्थापित किया गया. ऐसी ही एक इमारत है, जो ब्रिटिश शासन काल के दौरान ब्रिटिश भारतीय सेना की मुख्यालय रही. मौजूदा समय में यह इमारत भारतीय सेना ट्रेंनिंग कमांड है. यह इमारत ब्रिटिश भारतीय सेना द्वारा बनाई गई दोनों विश्वयुद्ध की रणनीति की गवाह रही है. वहीं, आजादी के बाद भारत-पाकिस्तान युद्ध की रणनीति भी इसी इमारत में तैयार की गई थी.

1864 में बना ब्रिटिश भारतीय सेना का मुख्यालय
शिमला के रिज मैदान से कुछ ही दूरी पर स्थित कई इमारतों का विशाल समूह और हरे रंग की छत अक्सर लोगों की जिज्ञासा को बढ़ाती है. इस इमारत में वर्ष 1864 से 1939 तक ब्रिटिश भारतीय सेना का मुख्यालय स्थापित था. कमाण्डर-इन-चीफ के अतिरिक्त सेना और सिविल प्रतिष्ठानों के दफ्तरों को स्थापित करने के लिए ईंट, लोहे और कंक्रीट से यह मज़बूत ढांचे, उस स्थल पर बनाये गए जहां पर सरकारी प्रेस और मेसोनिक हाल स्थापित थे. निर्बाध रूप से लन्दन के पीबॉडी भवनों के डिज़ाइन पर आधारित, ये ढांचे रिचर्डसन और कुडास फर्म ने सितम्बर 1882 से मार्च 1885 के मध्य बनाए गए थे. कमाण्डर-इन-चीफ का दफ्तर सबसे ऊपरी ब्लाक मे स्थापित किया गया. वहीं, प्रथम और द्वितिय विश्व युद्ध के दौरान सभी ऑप्रेशनों की योजना और निष्पादन इन्ही दफ्तरों से होता था.

1993 में आर्मी ट्रेनिंग कमाण्ड यहां स्थानांतरित
1947 में देश की आजादी के बाद यहां भारतीय सेना की पश्चिमी कमान बनाई गई, जिसका मुख्यालय 1954 से 1985 तक इन भवनों में चलता रहा. इसके बाद 1965 और 1971 के दोनो भारत-पाक युद्धों की योजना और संचालन भी इसी इमारत से हुआ. 1985 में पश्चिमी कमान का मुख्यालय चण्डी मन्दिर के लिए स्थानान्तरित कर दिया गया. इसके बाद पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश एरिया मुख्यालय ने कुछ समय के लिए इन भवनों का उपयोग किया. 1991 में आर्मी ट्रेनिंग कमाण्ड महु में स्थापित की गई थी और 1993 में इसे शिमला के लिए स्थानान्तरित कर दिया गया. तब से यह मुख्यालय इन्हीं भवनों में स्थापित है. सात ऑपरेशनल कमानों में से एक आर्मी ट्रेनिंग कमांड (आरट्रैक) समस्त भारतीय सेना के प्रशिक्षण के लिए उत्तरदायी है.

Location :

Shimla,Himachal Pradesh

First Published :

January 24, 2025, 13:34 IST

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