शिमला मिर्च की खेती बना सकती है मालामाल, रिटायर इंजीनियर ने बताया तरीका

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Agency:News18 Uttar Pradesh

Last Updated:February 08, 2025, 07:15 IST

किसान रामजी दूबे ने बताया कि नर्सरी में तैयार पौधे का सितंबर में रोपण होता है. सामान्य शिमला मिर्च की अपेक्षा कलरफुल शिमला मिर्च में थोड़ा समय ज्यादा लगता हैं. करीब 15 लाख रुपये का आमदनी होता है.

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शिमला मिर्च

हाइलाइट्स

  • रामजी दूबे ने रिटायरमेंट के बाद शिमला मिर्च की खेती शुरू की.
  • कलरफुल शिमला मिर्च की खेती से 15 लाख रुपये की आमदनी होती है.
  • शिमला मिर्च की बाजार में जबरदस्त डिमांड रहती है.

मिर्जापुर: उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में रिटायर होने के बाद इंजीनियर ने पॉली हाउस लगाकर शिमला मिर्च की खेती कर रहे हैं. शिमला मिर्च की खेती करके रामजी दूबे लाखों का मुनाफा कमा चुके हैं. मिर्जापुर जिले के नुआंव के रहने वाले किसान रामजी दूबे ड्रैगन फ्रूट व केला की खेती कर चुके हैं. इस वर्ष पॉली हाउस में कलरफुल शिमला मिर्च की की खेती शुरू की, जहां जबरदस्त पैदावार हो रहा है और तगड़ा मुनाफा कमा रहे हैं. रामजी दूबे दूरदर्शन में वरिष्ठ इंजीनियर थे. रिटायर होने के बाद 2018 में उन्होंने खेती शुरू की. पहले ड्रैगन फ्रूट व केला की खेती करने के बाद शिमला मिर्च की खेती कर रहे हैं.

किसान रामजी दूबे ने लोकल 18 से बताया कि आधा एकड़ जमीन में हमने पॉली हाउस लगाया है. इससे पहले खीरा और खरबूजे की खेती किए थे. इस वर्ष हम कलर कैप्सिकम (रंगीन शिमला मिर्च) की खेती कर रहे हैं. पीला, लाल और नीला तीन रंग के शिमला मिर्च का पैदावार हो रहा है. पॉली हाउस में करीब तीन हजार शिमला मिर्च के पौधे लगाएं गए हैं. एक पौधे में पांच से 10 फल लगे हुए हैं. एक पौधे में पांच से 10 किलो पैदावार होता है.

सितंबर माह में होता है रोपण

किसान रामजी दूबे ने बताया कि नर्सरी में तैयार पौधे का सितंबर में रोपण होता है. रोपण के तीन महीने के बाद पैदावार शुरू हो जाता है. सामान्य शिमला मिर्च की अपेक्षा कलरफूल शिमला मिर्च में थोड़ा समय ज्यादा लगता हैं. शिमला मिर्च की खेती में खर्च ज्यादा लगता है. करीब 15 लाख रुपये का आमदनी होता है, जहां लागत काटकर करीब आठ से 10 लाख रुपये का शुद्ध मुनाफा हो जाता है.

बाजार में रहती है जबरदस्त डिमांड

रामजी दूबे ने बताया कि बाजार में शिमला मिर्च की जबरदस्त डिमांड रहती है. 150 से 200 रुपये प्रति किलो की दर से बिक्री होती है. कलर कैप्सिकम की खेती भी बहुआयत नहीं होती है. इस वजह से इसकी मांग हमेशा रहती है. सबसे ज्यादा सप्लाई वाराणसी व प्रयागराज में की जाती है. सब्जी व्यवसाई यहां से मिर्च खरीदने के बाद बड़े शहरों में बिक्री करते हैं.

Location :

Mirzapur-cum-Vindhyachal,Mirzapur,Uttar Pradesh

First Published :

February 08, 2025, 07:13 IST

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