संतान और सुख प्राप्ति के लिए यह अष्टमी है सबसे प्रभावी! जानिए तिथि व मुहूर्त..

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Agency:News18 Madhya Pradesh

Last Updated:February 04, 2025, 16:35 IST

Bhishma Ashtami: हिंदू पंचांग के अनुसार, भीष्म पितामह के तर्पण की तिथि पर भीष्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है. इस दिन कई लोग व्रत भी रखते है. तिथि को लेकर लोग असमंजस की स्थिति में हैं कि यह कब है. आइए जानते है यह...और पढ़ें

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भीष्माअष्टमी

भीष्माअष्टमी

हाइलाइट्स

  • भीष्म अष्टमी 5 फरवरी को मनाई जाएगी.
  • व्रत रखने से संतान प्राप्ति होती है.
  • पितरों को तर्पण और दान से मोक्ष मिलता है.

उज्जैन. हिन्दू धर्म मे हर तिथि, हर वार का धार्मिक महत्व बताया गया है. इसी प्रकार हर साल माघ महीने में भीष्मअष्टमी मनाई जाती है. हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को भीष्म अष्टमी मनाई जाती है. इस साल भीष्म अष्टमी कल यानी 5 फरवरी को मनाई जाएगी. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भीष्म पितामह ने उत्तरायण होने पर अपने प्राण त्याग दिए थे. इस दिन भीष्म पितामह की पुण्यतिथि से भी जाना जाता है. भीष्म अष्टमी का व्रत रखना काफी फलदायी होता है. आइए जानते है उज्जैन के आचार्य आनंद भारद्वाज से इस व्रत को करने से क्या पुण्य फल मिलता है.

भीष्म अष्टमी शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, माघ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 05 फरवरी को देर रात 02 बजकर 30 मिनट पर शुरू होगी. वहीं, शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि की समाप्ति 06 फरवरी को देर रात 12 बजकर 35 मिनट पर होगी. सनातन धर्म में सूर्योदय के बाद से तिथि की गणना की जाती है. इस प्रकार 05 फरवरी को भीष्म अष्टमी मनाई जाएगी.

भीष्माअष्टमी का महत्व
शास्त्रों के अनुसार भीष्म अष्टमी का पर्व भीष्म पितामह की तर्पण तिथि पर मनाया जाता है. भीष्म पितामह ने ब्रह्मचारी जीवन जीने का प्रण लिया था.उन्हें अपनी इच्छा के अनुसार मृत्यु का समय चुनने का भी वरदान मिला. भीष्म पितामह ने अपने प्राण त्यागने के लिए माघ शुक्ल अष्टमी को चुना, क्योंकि उस समय सूर्य देव उत्तरायण की ओर बढ़ने लगे थे. हिंदू मान्यताओं के अनुसार यह समय शुभ माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि जो भक्त भीष्म अष्टमी के दिन व्रत रखता है, उसे संतान प्राप्ति होती है.इस तिथि पर पितरों को तर्पण और दान देने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति भी होती है.इसके साथ ही भीष्म अष्टमी के दिन जो व्यक्ति पितामह भीष्म के निमित्त जल तर्पण करता है, उसके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं.

Location :

Ujjain,Madhya Pradesh

First Published :

February 04, 2025, 16:35 IST

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