संवाद 2024 को लेकर जानकारी देते आयोजक
टाटा स्टील फाउंडेशन के हेड जिरेन टोपनो ने बताया कि इस साल संवाद में कई नए प्रतिभागियों का स्वागत किया जाएगा. 40 नए घरेल ...अधिक पढ़ें
- Local18
- Last Updated : November 15, 2024, 09:57 IST
जमशेदपुर. संवाद… जो भारत में जनजातीय पहचान का प्रमुख मंच है, एक बार फिर जमशेदपुर के गोपाल मैदान में 15 से 19 नवंबर 2024 तक आयोजित होने जा रहा है. पांच दिन चलने वाले इस आयोजन की शुरुआत धरती आबा बिरसा मुंडा की जयंती से होगी, जिसमें 351 नगाड़ों की धुन पर 32 जनजातियों की उपस्थिति में श्रद्धांजलि दी जाएगी.
लोकल 18 को जानकारी देते हुए टाटा स्टील फाउंडेशन के हेड जिरेन टोपनो ने बताया कि इस साल संवाद में कई नए प्रतिभागियों का स्वागत किया जाएगा. 40 नए घरेलू रसोइयों को इस आयोजन में शामिल किया गया है, जिन्होंने पिछले वर्षों में संवाद के प्रेरणादायक सफर को देखा और अब वे भी अपनी पारंपरिक रसोई से स्वादिष्ट व्यंजनों को पेश करेंगे. इसके अलावा, इस बार 19 नई जनजातियों के कलाकार अपने अद्वितीय कला और परंपराओं के साथ यहां अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे.
गोपाल मैदान में कुल 45 स्टॉल लगाए जाएंगे, जिनमें 117 कलाकारों द्वारा 31 विभिन्न जनजातीय कला रूपों का प्रदर्शन किया जाएगा. इन कृतियों में घरेलू सजावट से लेकर वस्त्र तक विभिन्न हस्तनिर्मित उत्पाद शामिल होंगे. 31 स्टॉल जनजातीय वैद्यों के होंगे, जो औषधीय पौधों की मदद से पारंपरिक उपचार विधियों का प्रदर्शन करेंगे. साथ ही, 8 स्टॉल में जनजातीय व्यंजनों का अनुभव ज़ोन भी होगा, जहां लोग विभिन्न जनजातीय स्वादों का आनंद ले सकेंगे. एक खास आकर्षण आतिथ्य ज़ोन में देखने को मिलेगा, जहां औषधीय पौधों से बने पारंपरिक व्यंजनों का मिश्रण किया जाएगा.
संवाद के दौरान ज़ोमैटो ऐप के माध्यम से दर्शक ‘मेन्यू ऑफ द डे’ से भी ऑर्डर कर सकते हैं. हर शाम 6 से 9 बजे तक 100 अनोखे व्यंजन, जो 30 जनजातियों का प्रतिनिधित्व करते हैं, प्रदर्शित किए जाएंगे. इसके अलावा, घरेलू रसोइयों द्वारा पारंपरिक व्यंजनों को स्वास्थ्यवर्धक विकल्पों के रूप में लोकप्रिय बनाने पर चर्चा भी की जाएगी.
इस बार संवाद के मंच से 30 मौलिक रचनात्मक कार्य जैसे साहित्य, फिल्म, कला और संगीत प्रस्तुतियां पहली बार दुनिया के सामने आएंगी. 75 संगीतकार, जो ‘रिदम्स ऑफ द अर्थ’ समूह से हैं, अपना दूसरा एल्बम भी जारी करेंगे, जिसमें लद्दाख के बैंड ‘दा शुग्स’ का सहयोग शामिल है.
संवाद ने अब तक भारत के 705 में से 253 अनुसूचित जनजातियों को एक साथ लाने का कार्य किया है. इस आयोजन के माध्यम से जनजातीय समुदायों की प्रेरणादायक कहानियों और परंपराओं को प्रस्तुत किया जाता है.
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FIRST PUBLISHED :
November 15, 2024, 09:57 IST