बिहार के इस गांव में है 150 से ज्यादा शिक्षक, इस बार 15 छात्रों ने मारी बाजी

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विद्या सर्वत्र पूज्यते... बिहार के इस गांव में है 150 से ज्यादा सरकारी टीचर, इस बार भी 15 छात्रों ने मारी बाजी

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विद्या सर्वत्र पूज्यते... बिहार के इस गांव में है 150 से ज्यादा सरकारी टीचर, इस बार भी 15 छात्रों ने मारी बाजी

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पूर्वी चंपारण : एक गांव ऐसा भी जहां न कोई ईर्ष्या न ही द्वेष. कमजोर का हाथ पकड़ कर आगे बढ़ाने लक्ष्य. इस गांव का नाम है खजूरिया गांव. यह गांव बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में आता है. हाल ही में आए बिहार के शिक्षा भर्ती के परिणाम में यहां के 15 छात्रों का चयन हुआ है. चयनित छात्रों में 4 हेडमास्टर और 11 जूनियर शिक्षक पद पर चयन हुआ है. इस गांव को शिक्षकों की फैक्ट्री भी कहा जा सकता है. क्योंकि यहां के छात्रों ने बताया कि यहां लगभग 150 से अधिक शिक्षक हैं.

2012 से गांव में सामूहिक रूप से तैयारी कर रहे छात्र
गांव में मौजूद छात्रों और लोगों ने बताया कि इस गांव में 2012 से सामूहिक तैयारी करने का माहौल है. तैयारी करने वाले छात्रों कहते हैं कि हमलोग ग्रुप डिस्कशन, रोज प्रैक्टिस सेट और सेल्फ स्टडी करते थे. साथ ही ऑनलाइन पढ़ाई और टेलीग्राम ग्रुप पर क्विज खेल कर तैयारी करते थे. इस सामूहिक तैयारी का परिणाम यह हुआ कि बिहार TRE-1,2 में 50 और TRE 3 में 15 अभ्यर्थी चयनित हुए. सैकड़ों शिक्षक इस गांव से निकले हैं. सैफ के पिता मुंबई में बैंक में गनमैन का काम करते हैं और मां गृहिणी हैं. आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण गांव से ही तैयारी करनी पड़ी.

8 से 10 घंटे रोजाना पढ़ाई करते हैं छात्र
बिहार शिक्षक परीक्षा में चयनित छात्र नीरज कुमार रजक बताते हैं कि हमारे गांव में पढ़ाई का जबरदस्त माहौल है. यहां सहयोग की भावना से सीनियर हमारा मार्गदर्शन करते हैं. कमजोर विद्यार्थियों को भी सहयोग करके उसको आगे बढ़ाया जाता है. ऑनलाइन कोर्स, प्रैक्टिस सेट बना कर पढ़ाई की जाती है. मैं बेहद सामान्य बैकग्राउंड से आता हूं. इंजमामुल हक गांव में ही रह कर तैयारी किए हैं. प्रतिदिन 8-10 घंटे पढ़ाई करते थे, तब जा कर सफलता मिली है.

कोई भेदभाव नहीं सब एकसाथ पढ़ाई कर आगे बढ़ रहें

गांव के ही एक बुजुर्ग अब्दुल अहमद लोकल 18 से बातचीत में कहते हैं गांव के बच्चों रिजल्ट आया इससे पूरे गांव में खुशी की लहर है. ये लोग सब मिल जुल कर पढ़ता हैं, कोई बाहर नहीं जाता है. लड़का-लड़की सब एकसाथ पढ़ते हैं यहीं नहीं जाति-धर्म का भी कोई भेदभाव नहीं हैं. अच्छे माहौल में सब पढ़ कर आगे बढ़ रहें और गांव का नाम रौशन कर रहें.

Tags: Bihar News, Champaran news, Government job, Local18

FIRST PUBLISHED :

November 22, 2024, 09:36 IST

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