सतना PG कॉलेज की अंकुर वाटिका बनी स्टडी सेंटर, देखभाल में खुद जुटी प्रोफेसर

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Agency:News18 Madhya Pradesh

Last Updated:February 03, 2025, 13:28 IST

सतना के पीजी कॉलेज की अंकुर वाटिका छात्रों के लिए स्टडी सेंटर बन चुकी है, जहां 1500 पौधों की देखभाल बच्चे भी करते हैं.

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PG कॉलेज सतना की 'माँ जी' ने बनाई अनोखी अंकुर वाटिका

हाइलाइट्स

  • सतना PG कॉलेज की अंकुर वाटिका बनी स्टडी सेंटर.
  • प्रोफेसर डॉ. क्रांति मिश्रा ने वाटिका में 3 लाख रुपये लगाए.
  • मुख्यमंत्री ने भी अंकुर वाटिका में वृक्षारोपण किया.

सतना. सतना के पीजी कॉलेज में बनी अंकुर वाटिका छात्रों के लिए अब केवल एक बगीचा नहीं, बल्कि एक स्टडी सेंटर बन चुकी है. यह जगह बच्चों को न केवल पढ़ाई के लिए प्रेरित कर रही है, बल्कि उन्हें प्रकृति के करीब भी ला रही है. इस वाटिका में करीब 1500 पौधे लगे हुए हैं, जिनकी देखभाल सिर्फ माली ही नहीं बल्कि छात्र भी करते हैं.

करीब 5 लाख रुपये की लागत से बनी इस अंकुर वाटिका में सबसे बड़ा योगदान कॉलेज की एक प्रोफेसर का रहा, जिन्हें शहर में माता जी के नाम से जाना जाता है. एनएसएस की जिला संयोजक डॉ. क्रांति मिश्रा ने अपनी जेब से इसमें तीन लाख रुपये लगाए. वे इस वाटिका को केवल एक परियोजना नहीं, बल्कि अपने परिवार की तरह मानती हैं.

मुख्यमंत्री ने भी किया वृक्षारोपण
2023 में बनी इस वाटिका में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री भी वृक्षारोपण कर चुके हैं. डेढ़ एकड़ में फैली इस वाटिका में कई औषधीय पौधे भी लगाए गए हैं, जो पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ छात्रों के अध्ययन में भी सहायक हैं.

छात्रों के लिए मां जैसी प्रोफेसर
एनएसएस के छात्र अतुल पांडे ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि डॉ. क्रांति मिश्रा को सभी छात्र माँ जी कहकर पुकारते हैं, क्योंकि वे हर छात्र को एक मां की तरह स्नेह देती हैं. इसी वाटिका में कई सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते हैं, जिसमें एनएसएस के छात्र पारंपरिक चूल्हे पर खाना बनाते हैं जिसे पूरे कॉलेज परिसर के लोग मिलकर खाते हैं.

बंजर ज़मीन से हरी-भरी वाटिका तक का सफर
लोकल 18 से बातचीत में डॉ. क्रांति मिश्रा ने बताया कि अंकुर अभियान के तहत 2023 में कलेक्टर द्वारा इसका उद्घाटन किया गया था. तब यह जमीन बंजर थी और यहां पेड़ उगने की उम्मीद बहुत कम थी लेकिन सभी के प्रयासों से यह वाटिका हरी-भरी हो गई. कलेक्टर द्वारा लगाया गया चंपा का पेड़ अंकुर ऐप अभियान में प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त कर चुका है.

प्रोफेसर बोली – ये सभी मेरे अपने बच्चे हैं
जब उनसे पूछा गया कि सभी छात्र उन्हें ‘माँ’ कहते हैं तो कैसा महसूस होता है, तो उन्होंने कहा – “मेरे दो बच्चे हैं वो कभी ईर्षा जरूर करते है और कहते है की आप तो सबकी मां हो, लेकिन मैंने कभी उनमें और बाकी बच्चों में कोई भेदभाव नहीं किया. ये सब मेरे ही बच्चे हैं. मैं उनके लिए आधी रात को भी खड़ी हूं, मां की तरह डांटती हूं और मां की तरह प्यार भी करती हूं.

Location :

Satna,Madhya Pradesh

First Published :

February 03, 2025, 13:28 IST

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सतना PG कॉलेज की अंकुर वाटिका बनी स्टडी सेंटर, देखभाल में खुद जुटी प्रोफेसर

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