शिवांक द्विवेदी, सतना: सतना जिले में फसल अवशेष (नरवाई) जलाने से होने वाली आग की घटनाओं और पर्यावरणीय नुकसान को रोकने के लिए कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट अनुराग वर्मा ने दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत आदेश जारी किया है. इस आदेश के तहत जिले में फसल अवशेष और नरवाई जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है.
जुर्माना और दंड:
इस आदेश का उल्लंघन करने पर पर्यावरण क्षति पूर्ति के रूप में प्रति घटना 2,500 से 15,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा. इसके अलावा, भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम अनिवार्य:
कलेक्टर ने यह भी आदेश दिया है कि फसल कटाई के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले कंबाइन हार्वेस्टर में स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम (Straw Management System) या स्ट्रा रीपर का उपयोग अनिवार्य होगा. इसका पालन न करने पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी. जिला परिवहन अधिकारी और सहायक कृषि अभियांत्रिकी इसकी निगरानी करेंगे.
किसानों के लिए वैकल्पिक सुझाव:
किसानों को सुझाव दिया गया है कि वे फसल अवशेष जलाने के बजाय उनका उपयोग मल्चिंग या भूसा बनाने के लिए करें. इससे न केवल पर्यावरण की सुरक्षा होगी, बल्कि किसानों को आर्थिक लाभ भी प्राप्त होगा.
निगरानी और प्रवर्तन:
जिला स्तर पर इस आदेश का पालन सुनिश्चित करने के लिए उप संचालक किसान कल्याण और कृषि विकास को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है. किसी भी उल्लंघन की स्थिति में संबंधित कृषि विस्तार अधिकारी और पटवारी संयुक्त रूप से जांच कर रिपोर्ट तहसीलदार को सौंपेंगे.
यह आदेश तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है, और इसके उल्लंघन पर कठोर कार्रवाई की जाएगी.
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FIRST PUBLISHED :
September 22, 2024, 15:03 IST