आजमगढ़: सहारा इंडिया में फंसे निवेशकों की चिंता लगातार बढ़ती जा रही है. सैकड़ों लोगों ने अपनी मेहनत की कमाई का एक बड़ा हिस्सा सहारा इंडिया में निवेश किया था, यह सोचकर कि भविष्य में बच्चों की पढ़ाई, शादी-ब्याह और बुढ़ापे के समय ये पैसा उनके काम आएगा. लेकिन कंपनी की आर्थिक स्थितियों के बिगड़ने और भुगतान रुक जाने के बाद उनकी सारी उम्मीदें टूटती नजर आ रही हैं.
आजमगढ़ जिले में भी सैकड़ों ऐसे लोग हैं, जिन्होंने अपने कमाई के कुछ हिस्से को सहारा इंडिया में यह सोचकर निवेश किया था कि भविष्य में यह पैसे उनके बुढ़ापे का सहारा बनेंगे. लेकिन उनकी सारी उम्मीदों पर तब पानी फिर गया जब सहारा इंडिया के डूबने की खबर आई. मानो उनके जीवन की आधी कमाई ही पल भर में समाप्त हो गई.
निवेशकों की बढ़ती निराशा
आजमगढ़ के पांडे बाजार क्षेत्र के निवासी केशनाथ गौड़ ने बताया कि उन्होंने 2015 से सहारा इंडिया में लगभग ₹3.5 लाख का निवेश किया था. शुरुआत में उन्हें पॉलिसी के अनुसार भुगतान भी मिला, लेकिन 2019 के बाद से उन्हें कोई भुगतान नहीं मिला. अब वह अपनी रोजी-रोटी चलाने के लिए किराने की दुकान पर निर्भर हैं और सहारा इंडिया में फंसे पैसे के कारण उन्हें आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है. बच्चों की पढ़ाई और बेटियों की शादी के लिए निवेश किए गए पैसे नहीं मिल पाने के कारण उन्हें अपने रिश्तेदारों से कर्ज लेना पड़ा, जिससे उनकी स्थिति और भी कठिन हो गई है.
सरकार की मुहिम से भी नहीं मिला समाधान
केंद्र सरकार द्वारा सहारा इंडिया में फंसे पैसों को निकालने की एक मुहिम शुरू की गई थी, जिसमें लोगों ने बड़े पैमाने पर आवेदन किया. लेकिन आज तक उन आवेदनों पर कोई निर्णायक कार्रवाई नहीं हो सकी है. यह प्रक्रिया निवेशकों की उम्मीदों को और भी कम कर रही है.
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FIRST PUBLISHED :
October 22, 2024, 14:46 IST