लखनऊ: आपने फरिश्ता नाम तो सुना ही होगा. ठीक कुछ ऐसा ही है इस स्टोरी में. दरअसल, हुआ कुछ यूं कि लखनऊ का हजरतगंज इलाका सुबह का समय था. बाइक सवार अजय कहीं निकल रहे होते हैं. उनकी बाइक डिवाइडर से टकराती है और वह गिर जाते हैं. ठीक इसी समय, उन्हें कार्डियक अरेस्ट भी आता है, जिससे वह सुध-बुध खोकर बेहोश हो जाते हैं. यह सब हजरतगंज के अटल चौराहे पर घटित होता है और वहां तैनात होते हैं उत्तर प्रदेश पुलिस के एक सजग सिपाही, कॉन्स्टेबल सूरज गुप्ता.
कॉन्स्टेबल सूरज की तत्परता
कॉन्स्टेबल सूरज गुप्ता तुरंत घटनास्थल पर अजय को उठाने के लिए दौड़कर पहुंचते हैं, लेकिन वह अजय को बेहोश पाते हैं. बिना देरी किए, वह अजय की नब्ज टटोलते हैं, लेकिन अजय की नब्ज उन्हें बंद मिलती है. इस पर कॉन्स्टेबल सूरज गुप्ता यह समझ लेते हैं कि बाइक सवार अजय को कार्डियक अरेस्ट पड़ा है. उन्होंने तुरंत बाइक सवार अजय को सीपीआर देना चालू कर दिया और अजय की जान बचा ली. इसके बाद, वह एक जिम्मेदार नागरिक का फर्ज निभाते हुए बाइक सवार अजय को हजरतगंज स्थित डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल ले जाते हैं और ट्रीटमेंट भी करवाते हैं. तत्पश्चात, वह अजय के परिजनों को इस घटना की सूचना देते हैं.
बातचीत में कॉन्स्टेबल सूरज का अनुभव
कॉन्स्टेबल सूरज ने बातचीत के दौरान बताया कि सुबह 9:00 बजे सी.एम. सर की फ्लीट निकालने के दौरान बाइक सवार अजय, पुत्र भगवत स्वरूप, उम्र 40 वर्ष, बाइक से हजरतगंज की तरफ जा रहे थे. उनकी बाइक फिसलकर डिवाइडर से टकरा जाती है. इसी दौरान उन्हें कार्डियक अरेस्ट भी आ जाता है. सूरज ने बताया कि इस दौरान मेरी ड्यूटी घटनास्थल के पास ही होती है, जिससे मैं दौड़कर घायल अजय के पास पहुंचता हूं और वह बेहोश मिलते हैं. यह सब देखकर कॉन्स्टेबल सूरज को समझने में तनिक भी देर नहीं लगी कि बाइक सवार अजय को कार्डियक अरेस्ट आया है. आगे कॉन्स्टेबल सूरज बताते हैं कि उन्होंने सीपीआर की ट्रेनिंग ली है, तो वह भली-भांति अजय को सीपीआर देते हैं और इस तरह से वह अजय की जान बचा लेते हैं.
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FIRST PUBLISHED :
October 22, 2024, 16:40 IST