Last Updated:January 20, 2025, 18:31 IST
Style of Signature Gives Healthy Life : हस्ताक्षर सिर्फ एक पहचान का तरीका नहीं है, बल्कि यह हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य से भी जुड़ा हुआ है. अगर आप चाहते हैं कि आपके स्वास्थ्य में सुधार हो, तो अपने हस्ताक्षर के पहले, मध्य और अंतिम...और पढ़ें
हाइलाइट्स
- हस्ताक्षर, जिसे हम अपनी पहचान और व्यक्तित्व का हिस्सा मानते हैं.
- यह न सिर्फ हमारे नेचर और मेंटल सिचुएशन को दर्शाता है.
Style of Signature Gives Healthy Life : हस्ताक्षर, जिसे हम अपनी पहचान और व्यक्तित्व का हिस्सा मानते हैं, दरअसल हमारे जीवन में कई अहम पहलुओं का संकेत भी देता है. यह न सिर्फ हमारे नेचर और मेंटल सिचुएशन को दर्शाता है, बल्कि कुछ मामलों में हमारी सेहत से भी जुड़ा होता है. ज्योतिष शास्त्र में हस्ताक्षर के प्रत्येक भाग का विश्लेषण करके यह पता लगाया जा सकता है कि व्यक्ति का कौन सी सेहत से जुड़ी परेशानी का सामना हो सकता है. आइए जानते हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से कि किस तरह हस्ताक्षर का प्रत्येक हिस्सा हमारे स्वास्थ्य पर असर डाल सकता है.
हस्ताक्षर के अलग-अलग भाग और उनका महत्व
हस्ताक्षर को तीन प्रमुख भागों में बांटा जाता है: पहला भाग, मध्य भाग और अंतिम भाग. इन तीनों हिस्सों का व्यक्ति की सेहत पर गहरा असर पड़ता है.
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1. पहला भाग (प्रारंभिक अक्षर)
हस्ताक्षर का पहला अक्षर सबसे अधिक महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह व्यक्ति के मानसिक संतुलन को दर्शाता है. यदि यह अक्षर अस्पष्ट या धुंधला होता है, तो व्यक्ति मानसिक दबाव, तनाव और चिंताओं का सामना कर सकता है. इसका मतलब है कि व्यक्ति को डिप्रेशन, ब्रेन ट्यूमर और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं. इसलिए, हस्ताक्षर का पहला अक्षर साफ और स्पष्ट होना चाहिए.
2. मध्य भाग (मध्य अक्षर)
हस्ताक्षर का मध्य भाग आपकी जीवन शक्ति और वासना शक्ति से जुड़ा होता है. यदि व्यक्ति के हस्ताक्षर का मध्य भाग ऊपर की ओर बढ़ता है, तो यह दर्शाता है कि उसका मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य अच्छा है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पुरुषों को अपने हस्ताक्षर के मध्य भाग को दक्षिण दिशा की ओर और महिलाओं को उत्तर दिशा की ओर बढ़ाना चाहिए, जिससे उनके स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़े.
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3. अंतिम भाग (समाप्ति अक्षर)
हस्ताक्षर का अंतिम भाग भी उतना ही महत्वपूर्ण होता है. अगर आप इसे बड़ा या लंबा लिखते हैं, तो यह आपके जोड़ों और विशेष रूप से पैरों पर प्रभाव डाल सकता है. ऐसे लोग अक्सर गठिया, घुटने के दर्द और अन्य जोड़ों से संबंधित समस्याओं से जूझते हैं. इसी कारण, हस्ताक्षर के अंतिम अक्षर का आकार सामान्य और संतुलित होना चाहिए, ताकि यह शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर न डाले.
First Published :
January 20, 2025, 18:31 IST